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सूफ़ी लेख
मीरां के जोगी या जोगिया का मर्म- शंभुसिंह मनोहर
अद्भुत रूप मोहि कहलोने जाई। सिर बहु गंग तिलक सोभे चंदा,
नागरी प्रचारिणी पत्रिका
सूफ़ी लेख
संत साहित्य - श्री परशुराम चतुर्वेदी
जन्म जन्म की वासना, ताकें देवै जारि।।माला तिलक बनाय पूर्व अरु पच्छिल दौरा।
हिंदुस्तानी पत्रिका
सूफ़ी लेख
संत साहित्य
जन्म जन्म की वासना, ताकें देवै जारि।। माला तिलक बनाय पूर्व अरु पच्छिल दौरा।
परशुराम चतुर्वेदी
सूफ़ी लेख
खुमाणरासो का रचनाकाल और रचियता- श्री अगरचंद नाहटा
चित्रकोट चउरासी सरै, पर्वत मोटो धर उपरें। च्यारे दिस सरीखो चउसाल, बसुधा तिलक वण्यो सुविसाल।।1।।
नागरी प्रचारिणी पत्रिका
सूफ़ी लेख
मंझनकृत मधुमालती - श्री चंद्रबली पाँडे एम. ए.
बदन पसेव बूँद चहुँ पासा। कचपचिंयन जनु चाँद गरासा।।मृगमद तिलक ताहि पर धरा। जानहुँ चाँद राहु बस परा।।
नागरी प्रचारिणी पत्रिका
सूफ़ी लेख
कविवर रहीम-संबंधी कतिपय किवदंतियाँ - याज्ञिकत्रय
बंक तिलक केसर को कीने, दुति मानो बिधु बाल की।बिसरत नाहि सखी मो मन ते, चितवनि नैन बिसाल की।
माधुरी पत्रिका
सूफ़ी लेख
कविवर रहीम-संबंधी कतिपय किंवदंतियाँ- याज्ञिकत्रय
बंक तिलक केसर को कीने, दुति मानो बिधु बाल की। बिसरत नाहि सखी मो मन ते, चितवनि नैन बिसाल की।
माधुरी पत्रिका
सूफ़ी लेख
कबीर द्वारा प्रयुक्त कुछ गूढ़ तथा अप्रचलित शब्द पारसनाथ तिवारी
(7) तनीं-तागरीपद वही, पंक्ति 10, चिरकुट फारि चुहाड़ा लै गयी तनीं तागरी छूटी। रीति तथा कृष्ण
हिंदुस्तानी पत्रिका
सूफ़ी लेख
कबीर जीवन-खण्ड- लेखक पं. शिवमंगल पाण्डेय, बी. ए., विशारद
कबीर-पंथी वर्ण-विभाग-व्यवस्था को मानते हैं, यद्यपि उनके गुरु ने इसका निरादार किया था। वे कहते हैं-
नागरी प्रचारिणी पत्रिका
सूफ़ी लेख
हिन्दुस्तान में क़ौमी यक-जेहती की रिवायात-आ’ली- बिशम्भर नाथ पाण्डेय
इन सूफ़ी संतों के उपदेश का अ’वाम के ऊपर गहरा असर पड़ा।एक फ़क़ीर बटाले में रहते
मुनादी
सूफ़ी लेख
समाअ और क़व्वाली का सफ़रनामा
हज़रत अमीर ख़ुसरौ ने समाअ और क़व्वाली को नए आयाम दिये । जहां उन्होंने फ़ारसी और
सुमन मिश्रा
सूफ़ी लेख
समाअ और क़व्वाली का सफ़रनामा
हज़रत अमीर ख़ुसरौ ने समाअ और क़व्वाली को नए आयाम दिये । जहां उन्होंने फ़ारसी और
सुमन मिश्रा
सूफ़ी लेख
निरंजनी साधु
हरीदास जी के 52 चेले थे। जिन चेलों से निरंजनियों के 52 थांमे, हरीदाससोत, पुरणदासोत, अमरदातोस
भारतीय साहित्य पत्रिका
सूफ़ी लेख
सुफ़ियों का भक्ति राग
इश्क़ की मंज़िल में तरीक़त सिर्फ इज़हार है। इस इज़ाहर की शिद्दत में इश्क़ हकीक़ी का
ख़ुर्शीद आलम
सूफ़ी लेख
हिंदुस्तान की तहज़ीब और सक़ाफ़त में अमीर ख़ुसरो की खिदमात
अमीर ख़ुसरो ने इस ज़बान को नया रंग-रूप दिया।एक तरफ़ जहाँ उन्होंने अपनी शायरी मैं फ़ारसी
क़ुर्बान अली
सूफ़ी लेख
रामावत संप्रदाय- बाबू श्यामसुंदर दास, काशी
भक्तों के लिये रामानुज जी ने ये नियम बनाए थे कि वे शरीर पर शंख-चंक्र की