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सूफ़ी लेख
हज़रत शैख़ बहाउद्दीन ज़करिया सुहरावर्दी रहमतुल्लाह अ’लैह
हज़रत शैख़ बहाउद्दीन ज़करिया के मतबख़ में तरह तरह के खाने पकते थे लेकिन उनको उन
सूफ़ीनामा आर्काइव
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हज़रत शैख़ नजीबुद्दीन मुतवक्किल
हज़रत ख़्वाजा ख़िज़्र से मुलाक़ातः एक दिन ई'द के मौक़े' पर आप ईदगाह से घर वापस
डाॅ. ज़ुहूरुल हसन शारिब
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हज़रत सयय्द अशरफ़ जहाँगीर सिमनानी का पंडोह शरीफ़ से किछौछा शरीफ़ तक का सफ़र-अ’ली अशरफ़ चापदानवी
यहीं पर सय्यद अ’ली हमदानी से भी मुलाक़ात हुई।उनकी सोहबत में कुछ दिन गुज़ारे। उन्हीं के
सूफ़ीनामा आर्काइव
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हज़रत निज़ामुद्दीन औलिया-अपने पीर-ओ-मुर्शिद की बारगाह में
हज़रत निज़ामुद्दीन औलिया की उ’म्र अभी 12-13 साल की थी और बदायूँ में मौलाना अ’लाउद्दीन उसूली
निसार अहमद फ़ारूक़ी
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हिन्दुस्तान में क़ौमी यक-जेहती की रिवायात-आ’ली- बिशम्भर नाथ पाण्डेय
उर्दू को मुसलमानों के साथ निस्बत दी जाती है। इस ख़याल का बीज अंग्रेज़ों ने बोया।
मुनादी
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आगरा में ख़ानदान-ए-क़ादरिया के अ’ज़ीम सूफ़ी बुज़ुर्ग
ये मन्सब मेरे जद्द हज़रत ग़ौस-ए-आ’ज़म ने तुम्हें इ’नायत फ़रमाया है ।मेरे हाथ से लो और