आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "दर्जा"
सूफ़ी लेख के संबंधित परिणाम "दर्जा"
सूफ़ी लेख
हज़रत शरफ़ुद्दीन अहमद मनेरी रहमतुल्लाह अ’लैह
इस जगह हज़रत मख़दूमुल-मुल्क ने ब-तौर-ए-इंतिबाह लिखा है कि तौहीद-ए-वुजूदी इ’ल्म के दर्जा में हो या
सूफ़ीनामा आर्काइव
सूफ़ी लेख
मैकश अकबराबादी
इस दर्जा दुश्मनी तो मुक़द्दर की बात हैवर्ना वो एक उ’म्र मिरे राज़-दाँ रहे
शशि टंडन
सूफ़ी लेख
सूफ़ी क़व्वाली में गागर
मुझ से उठती नहीं इस दर्जा है भारी गागरसर पे तू रख दे मेरे रहमत-ए-बारी गागर
उमैर हुसामी
सूफ़ी लेख
ख़्वाजा-ए-ख़्वाजगान हज़रत ख़्वाजा मुई’नुद्दीन चिश्ती अजमेरी - आ’बिद हुसैन निज़ामी
सूफ़ीनामा आर्काइव
सूफ़ी लेख
पीर-ए-दस्त-गीर हज़रत अब्दुल क़ादिर की करामतों का बयान
नक़्ल है कि एक ’औरत ग़ौस-उल-आ’ज़म से मोहब्बत रखती थी और हर वक़्त ख़िदमत-ए-अक़्दस में हाज़िर