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सूफ़ी लेख
महाकवि माघ और उनका काव्य सौन्दर्य- श्री रामप्रताप त्रिपाठी, शास्त्री
सर्व कार्य शरीरेषु मुक्त्वांगस्कन्धपञ्चकम्।। सर्ग2।28।। कुछ दूसरे पारिभाषिक शब्दों को लीजिए-----
सम्मेलन पत्रिका
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हिन्दुस्तानी क़व्वाली के विभिन्न प्रकार
अस्सलाम ऐ राहत-ए-ख़स्ता-दिलेहाल-ए-दिल सुन लीजिए बहर-ए-खु़दा
सुमन मिश्र
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बिहार में क़व्वालों का इतिहास
(हक़ीक़त भी कहानी भी, स० 1653)ज़ोहरा बाई की मूसीक़ी को आगरा में उस्ताद फ़य्याज़ ख़ाँ और
रय्यान अबुलउलाई
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याद रखना फ़साना हैं ये लोग - डॉक्टर ज़ाकिर हुसैन ख़ाँ
हिंदुस्तानियों की नज़र में बहादुर शाह ज़फ़र के अंदर जंग-ए-आज़ादी के हीरो की शान जिन रिवायतों
मुनादी
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मंझनकृत मधुमालती - श्री चंद्रबली पाँडे एम. ए.
कहने का तात्पर्य यह कि मधुमालती में सभी मुस्लिम लक्षण मौजूद हैं जो दूर से पुकार-पुकारकर
नागरी प्रचारिणी पत्रिका
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कदर पिया- श्री गोपालचंद्र सिंह, एम. ए., एल. एल. बी., विशारद
यद्यपि आप फारसी और उर्दू के अच्छे विद्वान थे, तथापि उर्दू में कविता कभी नहीं करते
नागरी प्रचारिणी पत्रिका
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बिहारी-सतसई की प्रतापचंद्रिका टीका - पुरोहित श्री हरिनारायण शर्म्मा, बी. ए.
टीका- उक्ति नायक की स्मृति संचारी, उपमालंकार, कोमलावृत्ति है। अरु लोयन लगाय या पद मैं लक्षण
नागरी प्रचारिणी पत्रिका
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पदमावत के कुछ विशेष स्थल- श्री वासुदेवशरण
बोल न बाँचा=बीच के कोठे में जाने का कोई दाँव नहीं बचा।(5) पाकि गहे पै आसा
नागरी प्रचारिणी पत्रिका
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फ़ारसी लिपि में हिंदी पुस्तकें- श्रीयुत भगवतदयाल वर्मा, एम. ए.
दक्षिण भारत के पुस्तकालयों में मुझे कुछ पुस्तकें ऐसी मिली हैं जो फारसी लिपि में लिखी
हिंदुस्तानी पत्रिका
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संत साहित्य - श्री परशुराम चतुर्वेदी
रैदास जाति के चमार थे और रग्घू नामी चमार के घर, काशी में, घुर-बिनिया चमाइन के
हिंदुस्तानी पत्रिका
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अबुलफजल का वध- श्री चंद्रबली पांडे
असदबेग को लीजिए, चाहे केशवदास को। दोनों ही बताते है कि वीरसिंह के रणभूमि में पहुँचने
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संत साहित्य
रैदास जाति के चमार थे और रग्घू नामी चमार के घर, काशी में, घुर-बिनिया चमाइन के
परशुराम चतुर्वेदी
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सन्तों की प्रेम-साधना- डा. त्रिलोकी नारायण दीक्षित, एम. ए., एल-एल. बी., पीएच. डी.
साधकों में एक विशेष प्रकार की एकरूपता उपलब्ध होती है। उत्तर भारत, दक्षिण भारत, महाराष्ट्र, बंगाल,
सम्मेलन पत्रिका
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बहादुर शाह और फूल वालों की सैर
बादशाह को ये मेला बहुत पसंद आया, दिल्ली वालों से कहा कि अगर हर साल भादों