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कलाम
सच है कि यहाँ उन की पहचान ज़रूरी हैपहचान का सामाँ है ख़ुद अपनी तिलावत में
अज़ीज़ुद्दीन रिज़वाँ क़ादरी
कलाम
मुझे पहचान कर मुझ से निगाहें फेरने वालेसर-ए-महफ़िल ये तेरी बे-रुख़ी अच्छी नहीं लगती
पुरनम इलाहाबादी
कलाम
किस क़दर पास है रुस्वाई का अपनी उन कोराह में मिलने से पहचान से डर लगता है
ग़ुलाम मोईनुद्दीन गिलानी
कलाम
इब्तिदा में हज़रत-ए-इंसान क्या था क्या हुआग़ौर कर ख़ुद को ज़रा पहचान क्या था क्या हुआ
अज़ीज़ुद्दीन रिज़वाँ क़ादरी
कलाम
अलिफ़ में अल्लाह लाम में अल्लाह महसूस तो कर लो'आलिम की ये पहचान है हर साँस के अंदर
डा. इरशाद बल्ख़ी
कलाम
नहनु-अक़्रब कह कर प्यारे पर्दा में तुम ख़ूब छुपेअब तो हम पहचान गए हैं जानी दिलबर तुम्हीं तो हो
ज़ामिन
कलाम
गुरु ईश्वर में फ़र्क़ न जानो गर ईश्वर का ऐ'न ही जानोगुरु सूरत भगवान की सूरत गुरु पहचान कराई रे
मीराँ भीख
कलाम
ख़ुदा की हिक़मतों को कब कोई पहचान सकता हैकि क्यूँ है ख़ोशा-चीं कोई कोई मालिक है ख़िर्मन का