आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "हसरत-ए-दम-ब-दम"
Kalaam के संबंधित परिणाम "हसरत-ए-दम-ब-दम"
कलाम
जो दम ग़ाफ़िल सो दम काफ़िर मुर्शिद एह पढ़ाया हूसुणया सुख़न गइयाँ खुल अक्खीं चित्त मौला वल लाया हू
सुल्तान बाहू
कलाम
क़मर जलालवी
कलाम
हज़ारों ख़्वाहिशें ऐसी कि हर ख़्वाहिश पे दम निकलेबहुत निकले मिरे अरमान लेकिन फिर भी कम निकले
मिर्ज़ा ग़ालिब
कलाम
दाग़ देहलवी
कलाम
ये किस बे-दर्द किस ज़ालिम पर अपना दम निकलता हैये रह रह कर कलेजा चुटकियों से कौन मलता है
अमीर मीनाई
कलाम
यार की मर्ज़ी के ताबे' यार का दम-भर के देख'अर्ज़-ए-मतलब करके देखा तर्क-ए-मतलब करके देख
कामिल शत्तारी
कलाम
जो तेरी याद फ़ुर्क़त में मिरी दम-साज़ बन जाएतो मेरे दिल की हर धड़कन तिरी आवाज़ बन जाए
ख़्वाजा अज़ीज़ुल हसन मज्ज़ूब
कलाम
अपनी निगाह-ए-शौक़ को रोका करेंगे हमवो ख़ुद करें निगाह तो फिर क्या करेंगे हम
मौलाना अ’ब्दुल क़दीर हसरत
कलाम
अल्लाह सहीह कीतोसे जिस दम चमकया इश्क़ अगोहाँ हूरात दिहाँ दे ता तिखेरे करे अगोहाँ सोहाँ हू
सुल्तान बाहू
कलाम
न किसी चीज़ में दिल उन का लगा मेरे बा'दयाद आती ही रही मेरी वफ़ा मेरे बा'द