Sufinama

भारत के शायर और अदीब

कुल: 780

औघट शाह वारसी के चहेते मुरीद

मा’रूफ़ सूफ़ी शाइ’र-ओ-अदीब

बेदम शाह वारसी के साहिबज़ादे

हाजी वारिस अ’ली शाह के मुरीद और अपनी सूफ़ियाना शाइ’री के लिए मशहूर

बिहार के नाम-वर शाइ’र, अदीब, मुसन्निफ़ और मुहक़्क़िक़

कैफ़ियतुल-आ’रिफ़ीन और कंज़ुल-अंसाब के मुसन्निफ़ और राम-सागर गया के मशहूर सूफ़ी

मुस्हफ़ी का एक मुम्ताज़ शागिर्द

अवध के आख़िरी नवाब वाजिद अली शाह के प्रमुख दरबारी और आफ़ताबुद्दौला शम्स-ए-जंग के ख़िताब से सम्मानित शाएर

चौदहवीं सदी हिज्री का एक सूफ़ी शाइ’र

हाजी वारिस अ’ली शाह के मुरीद और लखनऊ के शाइ’र-ए- मश्शाक़

मुसन्निफ़, अदीब और शाइ’र-ए-मश्शाक़

प्रसिद्ध शायर और लेखक, साहित्यिक पत्रिका ‘नदीम’ के सम्पादक, सय्यद सुलेमान नदवी के सहपाठी

हैदराबाद का रुबाई’-गो सूफ़ी शाइ’र

ख़्वाजा निज़ामुद्दीन औलिया के चहेते मुरीद और फ़ारसी-ओ-उर्दू के पसंदीदा सूफ़ी शाइ’र, माहिर-ए-मौसीक़ी, उन्हें तूती-ए-हिंद भी कहा जाता है

उर्दू / हिंदवी के पहले शायर। मशहूर सूफ़ी हज़रत निज़ामुद्दीन औलिया के शागिर्द और संगीतज्ञ। तबला और सितार जैसे साज़ों का अविष्कार किया। अपनी ' पहेलियों ' के लिए प्रसिद्ध जो भारतीय लोक साहित्य का हिस्सा हैं। ' ज़े हाल-ए-मिस्कीं मकुन तग़ाफ़ुल ' जैसी ग़ज़ल लिखी जो उर्दू / हिंदवी शायरी का पहला नमूना है।

ख़्वाजा निज़ामुद्दीन औलिया के मुरीद और फ़वाइदुल-फ़ुवाद के जामे’

रुहानी शाइ’र और “वारिस बैकुंठ पठावन” के मुसन्निफ़

दाग़ देहलवी के समकालीन। अपनी ग़ज़ल ' सरकती जाए है रुख़ से नक़ाब आहिस्ता आहिस्ता ' के लिए प्रसिद्ध हैं।

उर्दू आलोचना के संस्थापकों में शामिल/महत्वपूर्ण पूर्वाधुनिक शायर/मिजऱ्ा ग़ालिब की जीवनी ‘यादगार-ए-ग़ालिब लिखने के लिए प्रसिद्ध

गुलिस्तान-ए-मख़्दूम-ए-समनान का एक रौशन चराग़

Jashn-e-Rekhta | 8-9-10 December 2023 - Major Dhyan Chand National Stadium, Near India Gate - New Delhi

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