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Sufi Quotes of Makhdoom Khadim Safi

जिस क़दर दिल की सफ़ाई ज़्यादा होती जाती है, उसी क़दर नफ़्स पर क़ाबू बढ़ता जाता है।

कोई शख़्स अगर आसमान में उड़ता हो और साथ ही ज़र्रे के बराबर भी शरीअत के ख़िलाफ़ काम करता हो, तो उस पर यक़ीन न करो। उस की करामत से प्रभावित नहीं होना चाहिए।

अगर कोई कुछ पेश करे, तो चाहिए कि उसे ख़ुदा की तरफ़ से समझकर ले ले, वापस न करे।
अगर कोई कुछ पेश करे, तो चाहिए कि उसे ख़ुदा की तरफ़ से समझकर ले ले, वापस न करे।

वज्द में आदमी बे-होश नहीं होता बल्कि बे-ख़ुद हो जाता है, अगर बे-होश हो गया तो लुत्फ़ चला गया।


ढोलक की थाप समाअ (क़व्वाली) के वक़्त दिल पर पड़ती है और वह एक धौंकनी है, जो दिल की आग को और भड़का देती है।

जो बेगाना हो उससे तरीक़त की राह की बातें न करो, जब तक कि वह उन से मानूस और उन बातों की तरफ़ उस का रुझान न हो।

मुरीद वही है, जिस में मुर्शिद की बू आती हो। पेड़ की शाख़ में जब तक क़लम नहीं लगती, तब तक उस पर लज़ीज़ फल नहीं आता।

लोग इस बात पर फ़ख़्र करते हैं कि हम शैख़-ज़ादे हैं और पीर-ज़ादे हैं। अस्ल में यही चीज़ रास्ते की रुकावट है।

लोग जब हमारे पास आते हैं, तो नर्मी की वजह से आते हैं। अगर एक दिन भी उन से प्यार की बात न करो, तो कोई न आए।

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere