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सूफ़ी लेख
अमीर ख़ुसरो के अ’हद की देहली - हुस्नुद्दीन अहमद
शकर-ए-तरी 1½ जीतल फ़ी मनशकर–ए-सुर्ख़ ½ जीतल फ़ी मन
मुनादी
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उर्स के दौरान होने वाले तरही मुशायरे की एक झलक
सुर्ख़ रंगत क्यों ना हो उस दीदा-ए-ख़ूँबार कीख़ून हो कर बहती है हसरत तेरी दीदार की
सुमन मिश्रा
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चिश्तिया सिलसिला की ता’लीम और उसकी तर्वीज-ओ-इशाअ’त में हज़रत गेसू दराज़ का हिस्सा
ख़लीक़ अहमद निज़ामी
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हिन्दुस्तानी तहज़ीब की तश्कील में अमीर ख़ुसरो का हिस्सा - मुनाज़िर आ’शिक़ हरगानवी
फ़रोग़-ए-उर्दू
सूफ़ी लेख
याद रखना फ़साना हैं ये लोग - डॉक्टर ज़ाकिर हुसैन ख़ाँ
हिंदुस्तानियों की नज़र में बहादुर शाह ज़फ़र के अंदर जंग-ए-आज़ादी के हीरो की शान जिन रिवायतों
मुनादी
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फ़िरदौसी - सय्यद रज़ा क़ासिमी हुसैनाबादी
फ़िरदौसी ने शाही सर-परस्ती शुक्रिया के साथ मंज़ूर की और पूरे जोश-ओ-ख़रोश के साथ अश्आ’र नज़्म
ज़माना
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ख़्वाजा मीर दर्द और उनका जीवन
“अब हम हज़रत ख़्वाजा मीर दर्द के मज़ार की ज़ियारत को जाते हैं! यहाँ से वो
सुमन मिश्रा
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तज़्किरा हज़रत शाह तसद्दुक़ अ’ली असद
सीवान में क़दीम दौर से ही शे’री नशिस्तें हुआ करती थीं और यहाँ एक से एक
इल्तिफ़ात अमजदी
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हज़रत शैख़ बहाउद्दीन ज़करिया सुहरावर्दी रहमतुल्लाह अ’लैह
हज़रत शैख़ ज़करिया को कभी दौलत की कमी महसूस न हुई मगर वो ख़ुद इससे हमेशा
सूफ़ीनामा आर्काइव
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बहादुर शाह और फूल वालों की सैर
ख़ुद मुहम्मद शाह ने तो बड़ी नहर के ऊपर बारहदरी का मंडवा बनवाया। शाह ‘आलमगीर सानी
मिर्ज़ा फ़रहतुल्लाह बेग
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जौनपुर की सूफ़ी परंपरा
आप के पिता मख़दूम सदरुद्दीन हिन्दुस्तान आये और दिल्ली में बस गए. अमीर तैमूर के उपद्रव
सुमन मिश्रा
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सूफ़ी क़व्वाली में गागर
बर्र-ए-सग़ीर हिंद-ओ-पाक की ख़ानक़ाहों में उ’र्स के मौक़ा’ से एक रिवायत गागर की उ’मूमन देखने में
उमैर हुसामी
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हकीम शाह अलीमुद्दीन बल्ख़ी फ़िरदौसी
राक़िमुलहुरूफ़ अगर उनके कार हा ए नुमायाँ का तज़्किरा करेगा तो बिल यक़ीन ये बात बहुत
रय्यान अबुलउलाई
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बाबा फ़रीद शकर गंज
इस दफ़ा’ दरवाज़ा बंद कर दिया जाता है और जो लोग ज़ख़्मी हो जाते हैं उनकी