कृष्णदास पयहारी के शिष्य थे, जो रामानन्द के शिष्य अनन्तानन्द के शिष्य थे। गलता (राजस्थान) में रहते थे। अग्रदास द्वारा रचित ४ किताबें मिलती हैं- (1) हितोपदेश उपखानां बावनी (2) ध्यानमंजरी (3) रामध्यान मंजरी (4) कुंडलिया। इनकी कविता नंददास के ढंग की होती है। इनकी कविता श्रृंगार और दास्यभाव से परिपूर्ण हैं।