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आबिदा परवीन

1954 | कराची, पाकिस्तान

आबिदा परवीन

वीडियो 142

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आबिदा परवीन

आबिदा परवीन

आबिदा परवीन

आबिदा परवीन

आबिदा परवीन

आबिदा परवीन

आबिदा परवीन

आबिदा परवीन

आबिदा परवीन

आबिदा परवीन

आबिदा परवीन

आबिदा परवीन

आबिदा परवीन

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आबिदा परवीन

आबिदा परवीन

आबिदा परवीन

आबिदा परवीन

आबिदा परवीन

आबिदा परवीन

आबिदा परवीन

आबिदा परवीन

आबिदा परवीन

आबिदा परवीन

आबिदा परवीन

आबिदा परवीन

आबिदा परवीन

आबिदा परवीन

आबिदा परवीन

आबिदा परवीन

आबिदा परवीन

आबिदा परवीन

आबिदा परवीन

आबिदा परवीन

आबिदा परवीन

आबिदा परवीन

अगर का'बः का रुख़ भी जानिब-ए-मय-ख़ाना हो जाए

आबिदा परवीन

अरे लोगो तुम्हारा क्या मैं जानूँ मेरा ख़ुदा जाने

आबिदा परवीन

'अली 'अली कह

आबिदा परवीन

आ गया यूँ मेरे होंटों पे तेरा नाम कि बस

आबिदा परवीन

आज यूँ मौज-दर-मौज ग़म थम गया इस तरह ग़म-ज़दों को क़रार आ गया

आबिदा परवीन

आदमी आदमी से मिलता है

आबिदा परवीन

आँधी चली तो नक़्श-ए-कफ़-ए-पा नहीं मिला

आबिदा परवीन

''आप की याद आती रही रात भर''

आबिदा परवीन

इक लफ़्ज़-ए-मोहब्बत का अदना ये फ़साना है

आबिदा परवीन

'इश्क़ का राज़ गर न खुल जाता

आबिदा परवीन

एक रह-गुज़र पर

वो जिस की दीद में लाखों मसर्रतें पिन्हाँ आबिदा परवीन

ऐ यार न मुझ से मुँह को छुपा तू और नहीं मैं और नहीं

आबिदा परवीन

कुछ इस अदा से आज वो पहलू-नशीं रहे

आबिदा परवीन

कब ठहरेगा दर्द ऐ दिल कब रात बसर होगी

आबिदा परवीन

क्या ख़्वाब था वो जिस की ता'बीर नज़र आई

आबिदा परवीन

कल चौदहवीं की रात थी शब भर रहा चर्चा तिरा

आबिदा परवीन

कहूँ दोस्त से दोस्त की बात क्या क्या

आबिदा परवीन

कोई अजनबी-सा दयार था यही वक़्त होगा पहल गए

आबिदा परवीन

कोई उम्मीद बर नहीं आती

आबिदा परवीन

कोई ख़ामोश ज़ख़्म लगती है

आबिदा परवीन

ख़ुश्बू का कोई झोंका हो तो साँसों से ज़ंजीर करूँ

आबिदा परवीन

ख़ुश्बू शबनम रंग सितारे करते हैं दीवाना-सा

आबिदा परवीन

जब इश्क़ सिखाता है आदाब-ए-ख़ुद-आगाही

आबिदा परवीन

जब से तू ने मुझे दीवाना बना रक्खा है

आबिदा परवीन

ज़रा सी बात पे वो जग-हँसाइयाँ दे कर

आबिदा परवीन

जल्वा ब-क़द्र-ए-ज़र्फ़ नज़र देखते रहे

आबिदा परवीन

जहाँ में नूर बिखरा है मेरे मुर्शिद क़लंदर का

आबिदा परवीन

जी चाहे तू शीशा बन जा जी चाहे पैमाना बन जा

आबिदा परवीन

ढूँडोगे अगर मुल्कों मुल्कों मिलने के नहीं नायाब हैं हम

आबिदा परवीन

तू ने दीवाना बनाया तो मैं दीवाना बना

आबिदा परवीन

तकलीफ़-ए-हिज्र दे गई राहत कभी-कभी

आबिदा परवीन

तुम को देखे हुए गुज़रे हैं ज़माने आओ

आबिदा परवीन

तुम जिस दर्द के दरमाँ हो उस दर्द की क़िस्मत क्या कहना

आबिदा परवीन

तेरे 'इश्क़ में डालूँ धमाल

आबिदा परवीन

तुलू'-ए-सहर है शाम-ए-क़लंदर

आबिदा परवीन

तिरे आने का धोका सा रहा है

आबिदा परवीन

तिरे ग़म को जाँ की तलाश थी तिरे जाँ-निसार चले गए

आबिदा परवीन

तो दिल में फूल खिल जाए

आबिदा परवीन

देर लगी आने में तुम को शुक्र है फिर भी आए तो

आबिदा परवीन

दर-ए-पंजतन का नज़ारा क़लंदर

आबिदा परवीन

दर्द-ए-दिल भी ग़म-ए-दौराँ के बराबर से उठा

आबिदा परवीन

दिल इश्क़ में बे-पायाँ सौदा हो तो ऐसा हो

आबिदा परवीन

दिल ही तो है न संग-ओ-ख़िश्त दर्द से भर न आए क्यूँ

आबिदा परवीन

दिल-ए-नादाँ तुझे हुआ क्या है

आबिदा परवीन

नूर-ए-अज़ल नूर-ए-ख़ुदा

आबिदा परवीन

नूर-ए-इलाही नूर-ए-इलाही

आबिदा परवीन

नहीं निगाह में मंज़िल तो जुस्तुजू ही सही

आबिदा परवीन

नाद-ए-'अली पढ़ नाद-ए-'अली पढ़

आबिदा परवीन

निसार मैं तेरी गलियों के

निसार मैं तिरी गलियों के ऐ वतन कि जहाँ आबिदा परवीन

प्रेम प्याला चखा नहीं सूफ़ी बना तो क्या हुआ

आबिदा परवीन

फ़रियाद करूँ तेरे दर पे मौला

आबिदा परवीन

फिर कुछ इक दिल को बे-क़रारी है

आबिदा परवीन

बलग़-अल-उ'ला बि-कमालिही

आबिदा परवीन

मैं ना'रा-ए-मस्ताना मैं शोख़ी-ए-रिंदानः

आबिदा परवीन

मैं होश में हूँ तो तेरा हूँ दीवाना हूँ तो तेरा हूँ

आबिदा परवीन

मुझ को बता ऐ क़ाज़िया कैसा तुम्हारा काम है

आबिदा परवीन

मुझे बे-ख़ुदी ये तू ने भली चाशनी चखाई

आबिदा परवीन

मुझ में अब रंग सब तुम्हारा है

आबिदा परवीन

मन कुंतो मौला फ़-हाज़ा 'अली-मौला

आबिदा परवीन

मन लागो मेरो यार फकीरी में

आबिदा परवीन

मेरे मुश्किल-कुशा या 'अली या 'अली

आबिदा परवीन

मेरी हाज़िरी करें क़ुबूल

आबिदा परवीन

मस्ती में फ़रोग़-ए-रुख़-ए-जानाँ नहीं देखा

आबिदा परवीन

मिरे दर्द को जो ज़बाँ मिले

मिरा दर्द नग़मा-ए-बे-सदा आबिदा परवीन

मिरा ख़ामोश रह कर भी उन्हें सब कुछ सुना देना

आबिदा परवीन

मोरी सर से टली बला

आबिदा परवीन

मौज़ू-ए-सुख़न

गुल हुई जाती है अफ़्सुर्दा सुलगती हुई शाम आबिदा परवीन

मौला-ए-कुल मौला-ए-कुल

आबिदा परवीन

ये आरज़ू थी तुझे गुल के रू-ब-रू करते

आबिदा परवीन

ये जफ़ा-ए-ग़म का चारा वो नजात-ए-दिल का आलम

आबिदा परवीन

ये न थी हमारी क़िस्मत कि विसाल-ए-यार होता

आबिदा परवीन

ये बातें झूटी बातें हैं ये लोगों ने फैलाई हैं

ये बातें झूटी बातें हैं ये लोगों ने फैलाई हैं आबिदा परवीन

ये सब तुम्हारा करम है आक़ा कि बात अब तक बनी हुई है

आबिदा परवीन

या मोहम्मद मुस्तफ़ा सल्ले-'अला

आबिदा परवीन

यार को हम ने जा-ब-जा देखा

आबिदा परवीन

यार था गुलज़ार था मय थी फ़ज़ा थी मैं न था

आबिदा परवीन

रंग बातें करें और बातों से ख़ुश्बू आए

आबिदा परवीन

रौशन जमाल-ए-यार से है अंजुमन तमाम

आबिदा परवीन

ले चला जान मिरी रूठ के जाना तेरा

आबिदा परवीन

ला'ल शहबाज़ शाह की चादर सिंध के शहंशाह की चादर है

आबिदा परवीन

वो जो हम में तुम में क़रार था तुम्हें याद हो कि न याद हो

आबिदा परवीन

वो हम-सफ़र था मगर उस से हम-नवाई न थी

आबिदा परवीन

शब-ए-फ़िराक़ की यारो कोई सहर भी है

आबिदा परवीन

शहर सुनसान है किधर जाएँ

आबिदा परवीन

शाख़ पर ख़ून-ए-गुल रवाँ है वही

आबिदा परवीन

शाम-ए-फ़िराक़ अब न पूछ आई और आ के टल गई

आबिदा परवीन

सैर है तुझ से मिरी जान जिधर को चलिए

आबिदा परवीन

सरापा हुस्न भी तुम हो सरापा इ'श्क़ भी तुम हो

आबिदा परवीन

साक़ी-ए-बा-वफ़ा मनम दम हमा-दम 'अली 'अली

आबिदा परवीन

हम को याँ दर-दर फिराया यार ने

आबिदा परवीन

हम तो हैं परदेस में देस में निकला होगा चाँद

आबिदा परवीन

हर एक बात पे कहते हो तुम कि तू क्या है

आबिदा परवीन

हर तरन्नुम में मिली है तेरी आवाज़ मुझे

आबिदा परवीन

हर-सू 'अली 'अली है हर-जा 'अली 'अली है

आबिदा परवीन

हैरान हुआ हैरान हुआ

आबिदा परवीन

हुस्न ग़म्ज़े की कशाकश से छुटा मेरे बा'द

आबिदा परवीन

होरी होय रही अहमद जियो के द्वार

आबिदा परवीन

आबिदा परवीन

आबिदा परवीन

आबिदा परवीन

आज रंग है ऐ महा-रंग है री

आबिदा परवीन

इश्क़ में तेरे कोह-ए-ग़म सर पे लिया जो हो सो हो

आबिदा परवीन

छाप तिलक सब छीनी

आबिदा परवीन

मन कुंतो मौला

आबिदा परवीन

यार को हम ने जा-ब-जा देखा

आबिदा परवीन

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