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नुसरत फ़तेह अली ख़ान

1948 - 1997 | लाहौर, पाकिस्तान

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

वीडियो 266

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नुसरत फ़तेह अली ख़ान

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

दिल से जो बात निकलती है असर रखती है नुसरत फ़तेह अली ख़ान

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

अंगड़ाई पर अंगड़ाई लेती है रात जुदाई की

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

अगर फुर्क़त के सदमे कम न होंगे

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

अगर बीनम शबे नागाह आँ सुल्तान-ए-खूबाँ रा

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

अब के तजदीद-ए-वफ़ा का नहीं इम्काँ जानाँ

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

अब कितनी हसीं मेरी 'इबादत की घड़ी है

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

अब देख के जी घबराता है सावन की सुहानी रातों को

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

अ'र्श-ए-आ'ज़म का दूल्हा बड़ी चीज़ है

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

अल्लाह अल्लाह मदीना जो क़रीब आता है

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

अल्लाह ने कैसा शह-ए-ज़ीशान बनाया

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

अल्लाह रे क्या बारगह-ए-ग़ौस-ए-जली है

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

अल्लाह हू अल्लाह हू अल्लाह हू

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

अलिफ़-अल्ला चम्बे दी बूटी मुर्शिद मन विच लाई हू

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

'अली इमाम-ए-मनस्त-ओ-मनम ग़ुलाम-ए-'अली

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

अहमद कि अहद मैं क्या समझूँ ये कौन है मीम की चिलमन में

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

आ ग़म-ए-शब्बीर आ सीने लगा कर चूम लूँ

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

आ भी जा रुत बदल जाएगी

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

आई नसीम-ए-कू-ए-मोहम्मद सल्लल्लाहु-अ'लैहे-वसल्लम

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

आए कुछ अब्र कुछ शराब आए

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

आँख उट्ठी मोहब्बत ने अंगड़ाई ली दिल का सौदा हुआ चाँदनी रात में

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

आग दामन में लग जाएगी दिल में शो'ला मचल जाएगा

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

आज की बात फिर नहीं होगी

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

आज कोई बात हो गई

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

आज मिल कर भी उन से न कुछ बात की

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

आज रूठे हुए साजन को बहुत याद किया

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

आज हम ने यूँ ही ख़ुशी कर ली

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

आप इस तरह तो होश उड़ाया न कीजिए

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

आप बैठे हैं बालीं पे मेरी मौत का ज़ोर चलता नहीं है

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

आस्ताँ है ये किस शाह-ए-ज़ीशान का मर्हबा मर्हबा

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

इतना शदीद ग़म है कि एहसास-ए-ग़म नहीं

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

इन्ही ख़ुश-गुमानियों में कहीं जाँ से भी न जाओ

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

इस करम का करूँ शुक्र कैसे अदा जो करम मुझ पे मेरे नबी कर दिया

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

इस तरफ़ भी करम ऐ रश्क-ए-मसीहा करना

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

ईद-गाह-ए-मा ग़रीबाँ कू-ए-तू

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

उन के अंदाज़-ए-करम उन पे वो आना दिल का

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

उन की तरफ़ से तर्क-ए-मुलाक़ात हो गई

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

ऐ ख़त्म-ए-रुसुल मक्की मदनी कौनैन में तुम सा कोई नहीं

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

ऐ वा'दा-शिकन ख़्वाब दिखाना ही नहीं था

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

ऐ सरवर-ए-दुनिया-ओ-दीं तेरी निराली शान है

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

ऐसा तालिब नहीं है कोई जैसा हक़ ता'ला है

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

ऐसा बनना सँवरना मुबारक तुम्हें कम से कम इतना कहना हमारा करो

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

ओ सनम तेरे न आने की क़सम खाता हूँ मैं

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

कुछ तो हवा भी सर्द थी कुछ था तिरा ख़याल भी

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

कृपा करो महाराज मु’ईनउद्दीन

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

कभी मुझ को साथ ले कर कभी मेरे साथ चल के

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

कमली वाले निगह-ए-करम हो अगर ना दवा चाहिए ना शिफ़ा चाहिए

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

क्यूँ हो वो जा के मय-कदे में ख़राब

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

क्या था जो घड़ी-भर को तुम लौट के आ जाते

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

कहते हैं किस को दर्द-ए-मोहब्बत कौन तुम्हें बतलाएगा

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

कहते हैं मुझ से 'इश्क़ का अफ़्साना चाहिए

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

कहना ग़लत-ग़लत तो छुपाना सहीह-सहीह

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

काली कमली में जो ज़ीशान नज़र आता है

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

काली काली ज़ुल्फ़ों के फंदे न डालो

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

क़ासिद की उम्मीद है यारो क़ासिद तो आ जाएगा

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

किस दर्जा बुलंदी पे क़िस्मत का सितारा है

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

कोई तो है जो निज़ाम-ए-हस्ती चला रहा है वही ख़ुदा है

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

कोई मुश्किल था महशर में तुम्हें क़ातिल बना देना

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

ख़ुदा का नूर तुझ में हू-बहू है

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

ख़ुदी का सिर्र-ए-निहाँ ला-इलाहा-इल्लल्लाह

ख़ुदी का सिर्र-ए-निहाँ ला-इलाहा-इल्लल्लाह नुसरत फ़तेह अली ख़ान

ख़बरम रसीदः इम-शब कि निगार ख़्वाही आमद

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

ख़्वाजा-ए-ख़्वाजगाँ हामी-ए-बे-कसाँ इल्तिजा सुन लो शाह-ए-उमम के लिए

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

गंज-ए-शकर मोरी रंग दो चुनरिया

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

ग़म सभी राहत-ओ-तस्कीन में ढल जाते हैं

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

ग़म है या ख़ुशी है तू

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

गर्दिशों के हैं मारे हुए न दुश्मनों के सताए हुए हैं

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

ग़ुलाम-ए-रु-ए-ऊ बूदम असीर-ए-मू-ए-ऊ बूदम

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

गेसुओं को चेहरे पर आप ने बिखेरा है

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

घर नारी गँवारी चाहे जो कहे

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

चलो दयार-ए-नबी की जानिब दरूद लब पर सजा-सजा कर

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

चार तिनकों का सहारा कुछ नहीं

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

ज़मीन-ए-कर्बला पर क्या क़यामत की घड़ी होगी

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

जुर्म-ए-’इस्याँ से रिहा होने का चारा माँगो

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

ज़ुल्फ़ रुख़ से हटा के बात करो

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

जहाँ में हर कहीं हर सू

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

जाग उठेंगे दर्द पुराने ज़ख़्मों की अँगनाई में

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

जिस की जानिब वो नज़र अपनी उठा देते हैं

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

जो पूछा कि किस तर्ह होती है बारिश

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

जो राह-ए-’इश्क़ में गुम हो गया है

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

झुका के सर तेरे आस्ताँ पर मुझे हर इक मुद्द'आ मिला है

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

झूम रहा है चिश्ती गुलशन रंग-ए-फ़रीदी छाए हैं

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

तू अगर बे-नक़ाब हो जाए

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

तू कुजा मन कुजा

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

तू करीमी मन कमीना बूदः अम

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

तुझ को आता है हर इक दुख का मुदावा करना

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

तनम-फ़र्सूदः जाँ-पारा ज़े-हिज्राँ या रसूल-अल्लाह

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

तैबा की है याद आई अब अश्क बहाने दो

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

तुम अगर यूँही नज़रें मिलाते रहे मय-कशी मेरे घर से कहाँ जाएगी

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

तुम इक गोरख धंदा हो

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

तुम्हारे ही होने से आबाद है दिल

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

तेरे क़ुर्बान प्यारे मोहम्मद गिर रहा हूँ मुझे भी सँभालो

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

तेरे दरवाज़े पे चिलमन नहीं देखी जाती

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

तिरे करम का सहारा है ज़िंदगी मेरी

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

थी जिस के मुक़द्दर में गदाई तिरे दर की

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

दम मस्त क़लंदर मस्त-मस्त

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

दम-दम करो फ़रीद फ़रीद ऑखो हक़ फ़रीद

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

दमा-दम मस्त क़लंदर

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

दयार-ए-इश्क़ में अपना मक़ाम पैदा कर

दयार-ए-इश्क़ में अपना मक़ाम पैदा कर नुसरत फ़तेह अली ख़ान

दर्द रुकता नहीं एक पल भी 'इश्क़ की ये सज़ा मिल रही है

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

दस्तार है हुसैन के सर में रसूल की

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

दाता के ग़ुलामों को अब 'ईद मनाने दो

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

दाता तिरा दरबार है रहमत का ख़ज़ाना

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

दिल जिस से ज़िंदा है वो तमन्ना तुम्हीं तो हो

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

दिल ने हमारे बैठे-बैठे कैसे-कैसे रोग लगाए

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

दिल पे ज़ख़्म खाते हैं जान से गुज़रते हैं

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

दिल में अगर तड़प न हो 'आशिक़ी 'आशिक़ी नहीं

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

दिल में जमाए बैठे हैं नक़्शा फ़रीद का

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

दिल है बे-ख़ुद सँभाले न सँभले होश में मुझ से आया न जाए

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

दिल-ए-उम्मीद तोड़ा है किसी ने

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

दोस्त क्या ख़ूब वफ़ाओं का सिला देते हैं

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

न रुकते हैं आँसू न थमते हैं नाले

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

न है बुत-कदा की तलब मुझे न हरम के दर की तलाश है

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

नबी सय्यदुल अंबिया के बराबर

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

नमी दानम कि आख़िर चूँ दम-ए-दीदार मी-रक़्सम

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

ना मैं मोमन विच मसीतां, ना मैं विच कुफ़र दीआं रीतां

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

नाम के नक़्श से रौशन ये नगीना हो जाए

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

पुकारो नाम बाबा का पुकारो

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

पूछा किसी ने हाल किसी का तो रो दिए

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

परेशाँ रात सारी है सितारो तुम तो सो जाओ

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

पूरा दुख और आधा चाँद

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

फ़स्ल-ए-गुल है शराब पी लीजिए

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

फ़स्ल-ए-गुल है सजा है मय-ख़ाना

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

फिरूँ ढूँडता मय-कदा तौबा तौबा मुझे आज-कल इतनी फ़ुर्सत नहीं है

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

बे-ख़ुद किए देते हैं अंदाज़-ए-हिजाबाना

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

बे-गानगी-ई-दिल के अफ़्साने को क्या कहिए

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

बुझी हुई शम्अ' का धुआँ हूँ और अपने मर्कज़ को जा रहा हूँ

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

ब-देह दस्त-ए-यक़ीं ऐ दिल ब-दस्त-ए-शाह-ए-जीलानी

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

बन के आया हूँ सवाली तुम हो दुखियों के वाली

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

बन के तस्वीर-ए-ग़म रह गए हैं

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

बनाई मुझ बे-नवा की बिगड़ी नसीब मेरा जगा दिया

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

बनायी मुझ बेनवा की बिगड़ी नसीब मेरा जगा दिया

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

बरसों के इंतिज़ार का अंजाम लिख दिया

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

बे-वफ़ा से दिल लगा कर रो पड़े

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

बेवफ़ा से भी प्यार होता है

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

बोतल खुली है रक़्स में जाम-ए-शराब है

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

भला अपने नालों की मुझ को ख़बर क्या शब-ए-ग़म हुई थी कहाँ तक रसाई

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

मैं ख़ुदा की सना गाऊँगा

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

मैं ख़याल हूँ किसी और का मुझे सोचता कोई और है

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

मैं तल्ख़ी-ए-हयात से घबरा के पी गया

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

मैं हूँ फ़क़ीर मुर्शिद-ए-रौशन-ज़मीर का

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

मंगतों पे नज़र या गंज-ए-शकर आबाद रहे तेरा पाकपतन

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

मुझ को तेरी क़सम तुझ सा कोई नहीं

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

मुझे दीवाना मत समझो किसी की ख़ाक-ए-पा हूँ मैं

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

मय-कदा बन गईं मस्त आँखें ज़ुल्फ़ काली घटा हो गई है

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

मेरे दिल में ’इश्क़-ए-हुज़ूर है

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

मेरे मन की लगन 'अली मौला

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

मेरे रश्क-ए-क़मर तू ने पहली नज़र जब नज़र से मिलाई मज़ा आ गया

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

मेरे साबिर तेरी चौखट की क़सम खाता हूँ

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

मेरा ग़म और मेरी हर ख़ुशी तुम से है

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

मेरा ढोल माही मेरे मन का राजा

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

मेरी आँखों को बख़्शे हैं आँसू दिल को दाग़-ए-अलम दे गए हैं

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

मेरी तौबा मेरी तौबा

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

मस्त आँखों की क़सम खाने का मौसम आ गया

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

मस्त नज़रों से अल्लाह बचाए मह-जमालों से अल्लाह बचाए

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

मिरी आँखों को आँखों का किनारा कौन देगा

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

मिरी ज़ीस्त पुर-मसर्रत कभी थी न है न होगी

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

मिल गया उनका दर बस और क्या चाहिए

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

मिलेगी शैख़ को जन्नत हमें दोज़ख़ ’अता होगा

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

मोरे ख़्वाजा तुम ही को मोरी लाज

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

मोरे पिया घर आए

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

ये जो हल्का हल्का सुरूर है

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

ये बिल-यक़ीं हुसैन है नबी का नूर-ए-ऐ'न है

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

या अय्युहल-मुज़म्मिलू ऐ मुर्सल-ए-पाकीज़ा ख़ूँ

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

या मुस्तफ़ा नूर-उल-हुदा सानी तिरा कोई नहीं

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

याद-ए-नबी का गुलशन महका-महका लगता है

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

या-नबी नूर हो तुम जल्वा-ए-यज़्दाँ की क़सम

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

रुख़ पे रहमत का झूमर सजाए कमली वाले की महफ़िल सजी है

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

रख लो मोरी लाज साबिर

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

रांझा जोगीड़ा बण आया

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

रात की तीरगी से न मायूस हो रौशनी का सितारा नज़र आएगा

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

राह आसान हो गई होगी

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

रोज़-ए-अज़ल ख़ालिक़ ने जारी पहला ये फ़रमान किया

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

लिख दिया अपने दर पे किसी ने इस जगह प्यार करना मना' है

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

वो हटा रहे हैं पर्दा सर-ए-बाम चुपके-चुपके

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

शैख़-जी बैठ कर मय-कशों में तर्क-ए-मय का इरादा न करना

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

शम्सुज़्ज़हा बदरुद्दुजा तेरी बड़ी तौक़ीर है

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

शहसवार-ए-कर्बला की शहसवारी को सलाम

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

शहीद-ए-कर्बला की मोमिनो जब याद आती है

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

शाद बाश-ए-’इश्क़ ख़ुश सौदा-ए-मा

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

शिकवा

क्यूँ ज़ियाँ-कार बनूँ सूद-फ़रामोश रहूँ नुसरत फ़तेह अली ख़ान

सुन रे मोरे प्यारे सजना

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

सब पे करम फ़रमाएँगे बाबा आज बिगड़ी बनाएँगे

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

सबा ब-सू-ए-मदीनः रू कुन अज़ ईं दुआ-गो सलाम बर ख़्वाँ

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

सर जिस पे न झुक जाए उसे दर नहीं कहते

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

सर झुकाया तो पत्थर सनम बन गए 'इश्क़ भटका तो ख़ुद आश्ना हो गया

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

सरताज-ए-पीराँ क़ुतुब-ए-रब्बानी

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

सरताजन के ताज मु’ईनउद्दीन

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

सहर क़रीब है तारों का हाल क्या होगा

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

सादगी तो हमारी ज़रा देखिए ए'तिबार आप के वा'दे पर कर लिया

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

सामने जब भी यार होता है

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

सारी दौलत ख़ुदा की मदीने में है

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

साँसों की माला पर सिमरूँ निस-दिन पी का नाम

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

साहिब तेरी बन्दी आँ

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

सोचता हूँ कि वो कितने मा'सूम थे क्या से क्या हो गए देखते-देखते

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

है 'इबादत मिरी ना'त-ए-ख़ैरुल-वरा मुझ को दुनिया की पर्वा नहीं है

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

है कहाँ का इरादा तुम्हारा सनम किस के दिल को अदाओं से बहलाओगे

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

है दिल में 'इश्क़-ए-नबी का जल्वा नज़र में दाता समा रहे हैं

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

हज़ारों तमन्नाएँ होती हैं दिल में

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

हम अपनी शाम को जब नज़्र-ए-जाम करते हैं

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

हर चेहरे में आती है नज़र यार की सूरत

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

हरम है क्या चीज़ दैर क्या है किसी पे मेरी नज़र नहीं है

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

हश्र में कुछ मिले न मिले या नबी

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

हस्ती पे निखार आ जाता है जिस वक़्त वो सामने होते हैं

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

हुस्न वाले वफ़ा नहीं करते

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

हुस्न वाले वफ़ा नहीं करते

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

हो निगह-ए-करम या मोहम्मद मेरा बिगड़ा हुआ है क़रीना

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

आज रंग है ऐ महा-रंग है री

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

आज रंग है ऐ महा-रंग है री

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

इस शान-ए-करम का क्या कहना दर पे जो सवाली आते हैं

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

चश्म-ए-मस्ते अजबे ज़ुल्फ़-ए-दराज़े अजबे

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

छाप तिलक सब छीनी

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

ज़े-हाल-ए-मिस्कीं मकुन तग़ाफ़ुल दुराय नैनाँ बनाए बतियाँ

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

तुम्हें दिल-लगी भूल जानी पड़ेगी मोहब्बत की राहों में आ कर तो देखो

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

न मन बेहूदः गिर्द-ए-कूचः-ओ-बाज़ार मी-गर्दम

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

नमी-दानम चे मंज़िल बूद शब जाए कि मन बूदम

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

बख़ूबी हम-चु मह ताबिंद: बाशी

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

मन कुंतो मौला

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

मोहे अपने ही रंग में रंग दे रंगीले

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

हज़रत-ख़्वाजा संग खेलिए धमाल

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

हज़रत-ख़्वाजा संग खेलिए धमाल

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

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Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi

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