Font by Mehr Nastaliq Web
Sufinama

अशआर

1896 -1978

फ़िरंगी महल्ली लखनऊ के आ’लिम-ए-दीन

1859 -1954

हाजी वारिस अ’ली शाह के मुरीद और मस्त-हाल बुज़ुर्ग

1207 -1273

मशहूर फ़ारसी शाइ’र, मसनवी-ए-मा’नवी, फ़िहि माफ़ीह और दीवान-ए-शम्स तबरेज़ी के मुसन्निफ़, आप दुनिया-भर में अपनी ला-ज़वाल तसनीफ़ मसनवी की ब-दौलत जाने जाते हैं, आपका मज़ार तुर्की में है ।

रहीम शाह वारसी के मुरीद

1797 -1857

ख़्वाजा आतिश लखनवी के शागिर्द-ए-रशीद

1855 -1936

ख़ैराबाद के मा’रूफ़ शाइ’र

बोलिए