रज़ा वारसी के अशआर
दिल वही दिल है जो अल्लाह का जल्वा देखे
आँख वो आँख जो क़ुदरत का तमाशा देखे
-
टैग : आँख
- अपने फ़ेवरेट में शामिल कीजिए
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
ये भी इक डर है कहीं रुस्वा न हो क़ातिल मिरा
हश्र में ख़ून-ए-तमन्ना का अगर दा'वा करूँ
-
टैग : क़ातिल
- अपने फ़ेवरेट में शामिल कीजिए
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
जिस की हसरत है मुझे मिलता नहीं वो माह-रू
ऐ फ़लक हूरान-ए-जन्नत ले के आख़िर क्या करूँ
-
टैग : जन्नत
- अपने फ़ेवरेट में शामिल कीजिए
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
जी में आता है बुत-ए-काफ़िर तिरी पूजा करूँ
आईना तुझ को बनाऊँ और मैं देखा करूँ
-
टैग : आईना
- अपने फ़ेवरेट में शामिल कीजिए
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere