अता काकवी का परिचय
अ’ता काकवी बिहार के नाम-वर अदीब, शाइ’र और मुहक़्क़िक़ गुज़रे हैं। आपका अस्ल नाम अ’ताउर्रहमान और तारीख़ी नाम शाह रिज़वी और ग़ुलाम अमीर है। वालिद का नाम हज़रत सय्यद शाह ग़फ़ूरुर्रहमान अबुल-उ’लाई हम्द काकवी इब्न-ए-शाह मुबीन काकवी है| अ’ता काकवी की पैदाइश 6 रजबुल-मुरज्जब 1322 हिज्री मुवाफ़िक़ 1904 ई’स्वी को काको ज़िला जहानाबाद में हुई। अबजद-ख़्वानी हज़रत शाह अकबर दानापुरी ने फ़रमाई थी। इब्तिदाई ता’लीम हुई फिर पटना सीटी स्कूल में दाख़िल हुए। दो साल बा’द न्यू कॉलेज के आठवीं दर्जे में दाख़िल हुए। 1920 ई’स्वी की तहरीक-ए-तर्क-ए-मवालात में शरीक हो कर ता’लीम से दस्त-बरदार हो गए। दो साल के बा’द फिर ता’लीम का शौक़ हुआ तो गया ज़िला' के स्कूल में दसवीं क्लास में दाख़िला लिया और 1924 ई’स्वी में मैट्रिक का इम्तिहान दर्जा-ए-अव्वल में पास किया। इंटर मीडियट के बा'द 1928 में बी.ए ऑनर्स किया | 1930 में फ़ारसी एम.ए पास किया। उर्दू में भी एम.ए किया और एल.एल. बी भी हुए मगर वकालत की तरफ़ कभी रुजहान नहीं गया। पहले-पहल मुलाज़मत का आग़ाज़ ख़ानक़ाह-ए-क़ादरिया स्कूल, इस्लामपुर में ब-तौर-ए-हेड-मास्टर किया फिर बी.एन कॉलेज में और उस के बा’द मुज़फ़्फ़रपुर गर्वनमैंट कॉलेज में ब-हैसियत-ए-लेक्चरार मुक़र्रर हुए। 1962 ई’स्वी में सुबुक-दोश हुए फिर पटना यूनिवर्सिटी में अ’रबी-ओ-फ़ारसी के डायरेक्टर हुए। उस के बा’द ख़ुदा-बख़्श ख़ाँ लाइब्रेरी में फ़ारसी मख़्तूतात की तौज़ीही फ़िहरिस्त में मसरूफ़ हुए। इस के अ’लावा कई अंजुमन, तहरीक और इ’ल्मी-ओ-अदबी हल्क़ों से वाबस्ता रहे। शे’र-ओ-सुख़न का आग़ाज़ तालिब-इ’ल्मी के ज़माना 1925 ई’स्वी से ही हुआ। आपको शाद अ’ज़ीमाबादी से तलम्मुज़ हासिल था। अस्नाफ़-ए-सुख़न में ज़्यादा-तर ग़ज़लें और रुबाइ’याँ कही हैं। नस्र में भी अपनी ख़िदमा मज़ामीन की शक्ल में पेश की हैं जो हिंद-ओ-पाक के तमाम अहम रसाएल में शाए’ हुए। अ’ता काकवी की कई किताबें मंज़र-ए-आ’म पर आ चुकी हैं जिनमें उनकी ख़ुद की तस्नीफ़ के अ’लावा तर्जुमा और तर्तीब दी गई किताबें भी शामिल हैं। अ’ता काकवी का इंतिक़ाल 18 ज़ी-क़ा'दा 1418 हिज्री मुवाफ़िक़ 18 मार्च 1998 ईस्वी को हुआ। दरगाह हज़रत शाह-ए-अर्ज़ां, पटना में मद्फ़ून हैं।