बू अली शाह क़लंदर के सूफ़ी उद्धरण

नफ़्स को अच्छी तरह समझ, जब तू नफ़्स को जान लेगा, तो दुनिया को पहचान सकेगा और अगर तू रूह को पहचान लेगा, तो 'उक़ब़ा' को पहचान लेगा।
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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere