इरफ़ान इस्लामपुरी का परिचय
इ’र्फ़ान इस्लामपुरी की पैदाइश 1291 हिज्री मुवाफ़िक़ 1874 ई’स्वी में इस्लामपुर ही में हुई। आपका नाम इकरामुद्दीन अहमद और तख़ल्लुस ‘इ’र्फ़ान’ है। आप हज़रत मख़दूम-ए-जहाँ शैख़ शरफ़ुद्दीन अहमद यहया मनेरी के अ’म्म-ज़ाद और ख़लीफ़ा शैख़ शुऐ’ब फ़िरदौसी की औलाद में से हैं। आपके वालिद-ए-माजिद का नाम शाह मुई’नुद्दीन अहमद है जिनका आबाई वतन शैख़पुरा ज़िला नालंदा है। इ’र्फ़ान इस्लामपुरी इस्लामपुर के रईस चौधरी ज़ुहूरुल-हक़ साहिब के नवासे थे। इसी वजह से आपके वालिद ने इस्लामपुर में मुस्तक़िल सुकूनत इख़्तियार की। आपके नाना चौधरी ज़ुहूरुल-हक़ साहिब ने आपकी ता’लीम-ओ-तर्बियत पर ख़ुसूसी तवज्जोह की और हकीम मौलाना सय्यद मुहम्मद रफ़ीक़ शहबाज़पुरी से ता’लीम-ओ-तर्बियत हासिल की। सय्यद सुलैमान नदवी के वालिद हकीम सय्यद अबुल-हसन अबुल-उ’लाई से भी इक्तिसाब-ए-फ़ैज़ किया| शाइ’री का शौक़ था लेकिन तबीअ’त में उ’लुव-ए-हिम्मती भी थी इसलिए इस्लाह-ए-सुख़्न ग़ालिब के शागिर्द हज़रत सूफ़ी मनेरी से लिया और बा-ज़ाब्ता फ़न्न-ए-शाइ’री में इक्तिसाब-ए-फ़ैज़ करते रहे। आपके मुआ’सिरीन में ज़्यादा-तर दाग़ के शागिर्द थे, इसलिए आपको दाग़ का रंग पसंद आया और ज़बान में दाग़ के रंग की पैरवी की। अपने उस्ताद सूफ़ी मनेरी से बड़ी अ’क़ीदत थी। हज़रत सूफ़ी मनेरी के बड़े साहिब-ज़ादे शाह अ’ब्दुल क़ादिर इस्लामपुरी से बैअ’त हुए।उस के बा’द से तसव्वुफ़ का रंग आप पर ग़ालिब आ गया। आपकी शाइ’री में ग़ज़ल की चाशनी, ज़बान की दिल-आवेज़ी और तसव्वुफ़ की दिल-गुदाख़्तगी और ज़ंगारी ब-दर्जा-ए-अतम मौजूद है। वहदतुल-वजूद और वहदतुश्शुहूद जो तसव्वुफ़ का अहम तरीन मस्अला है वो इ’र्फ़ान इस्लाम पूरी के अश्आ’र में मिलता है। आपका विसाल 1373 हिज्री मुताबिक़ 1953 ई’स्वी में इस्लामपुर ज़िला नालंदा में हुआ और अपने पीर-ओ-मुर्शिद के आस्ताने में मद्फ़ून हुए। आपके शागिर्दों में नय्यर इस्लामपुर और रख़्शां अब्दाली मा’रूफ़ शो’रा-ए-इस्लामपुर गुज़रे हैं।