Font by Mehr Nastaliq Web
Sufinama
noImage

माहिर-उल क़ादरी

1906 - 1978

माहिर-उल क़ादरी का परिचय

उपनाम : 'माहिर'

मूल नाम : मंज़ूर हुसैन क़ादरी

जन्म : 30 Jul 1906

निधन : 12 May 1978

माहिरुल क़ादरी एक बेहतरीन नस्रनिगार और क्लासिकी ढंग के शायर के रूप में जाने जाते हैं. नाम मंज़ूर हुसैन था. 30 जुलाई 1906 को केसर कलां ज़िला बुलंदशहर में पैदा हुए. 1926 में अलीगढ़ से मैट्रिक करने के बाद बिजनौर से निकलने वाले मशहूर अख़बार ‘मदीना’ से सम्बद्ध हो गये. ‘मदीना’ के अलावा और भी कई अख़बारों और रिसालों का सम्पादन किया. मुंबई प्रवास के दौरान फिल्मों के लिए नग़मे भी लिखे. विभाजन के बाद पाकिस्तान चले गये और कराची से मासिक ‘फ़ारान’ जारी किया जो बहुत जल्द उस वक़्त के बेहतरीन अदबी रिसालों में शुमार होने लगा.
माहिरुल क़ादरी ने आलोचना, समीक्षा, जीवनी, उपन्यास के अलावा और कई गद्य विधाओं में लिखा. उनका गद्यलेखन अपनी शगुफ्तगी और धाराप्रवाह वर्णन के कारण अबतक दिलचस्पी के साथ पढ़ी जाती हैं.
माहिरुल क़ादरी की बीस से ज़्यादा किताबें प्रकाशित हुईं. कुछ किताबों के नाम ये हैं: ‘आतिश-ए-ख़ामोश’ ‘शिराज़ा’ ‘महसूसात-ए-माहिर’ ‘नग़मात-ए-माहिर’ ‘जज़्बात-ए-माहिर’ ‘करवाने हिजाज़’ ‘ज़ख्म व मरहम’ ‘यादे रफ़्तगाँ’ ‘फ़िर्दौस कर्दा’ ‘तिलिस्मे हयात.
12 मई 1978 को जद्दा में एक मुशायरे के दौरान दिल की धड़कन बंद होजाने से देहांत हुआ.

 

संबंधित टैग

Recitation

Jashn-e-Rekhta | 8-9-10 December 2023 - Major Dhyan Chand National Stadium, Near India Gate - New Delhi

GET YOUR PASS
बोलिए