अकबर लखनवी के अशआर
जो देखा अ’क्स आईना में अपना बोले झुँझला कर
अरे हट कौन है तू सामने से क्यों मुक़ाबिल है
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टैग : आईना
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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere