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बावरी साहिबा

1542 - 1605

बावरी साहिबा का परिचय

मायानंद की शिष्या थी। बादशाह अकबर की समकालीन। इनके पंथ वालों के पास इनकी एक चित्र मिलता है जिसमें इन्हें दाएं हाथ में मोरछल एवं बाएँ हाथ को किसी आधारी लकड़ी पर टेक कर बैठी हुई। किसी आनंदविभोर भक्तिन के रूप में दिखलाया गया है। इनका एक पद ही मिलता है।

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