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बू अली शाह क़लंदर

1209 - 1324 | पानीपत, भारत

मशहुर सूफ़ी बुज़ुर्ग बू-अ’ली शाह क़लंदर

मशहुर सूफ़ी बुज़ुर्ग बू-अ’ली शाह क़लंदर

बू अली शाह क़लंदर

सूफ़ी उद्धरण 2

आशिक़ी इख़्तियार कर, दोनों जहाँ को माशूक़ का हुस्न तसव्वुर कर।

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नफ़्स को अच्छी तरह समझ, जब तू नफ़्स को जान लेगा, तो दुनिया को पहचान सकेगा और अगर तू रूह को पहचान लेगा, तो 'उक़ब़ा' को पहचान लेगा।

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