देव का परिचय
रीतिकाल कवियों में देव ने सबसे अधिक ग्रंथों की रचना की है। इनके आश्रयदाता औरंगजेब के पुत्र आजमशाह, बूंदी नरेश, भाव सिंह, मवानीदत्त वैश्य, इटावा के राजा कुशल सिंह और ओरछा नरेश स्वरूप सिंह थे। इनके द्वारा रचित काव्य की भाषा ब्रज थी। इनका कार्यक्षेत्र इटावा, मैनपुरी था। इनकी रचनाओं में प्रमुख हैं- भाव-विलास, रस-विलास, सुजान-विनोद, प्रेम-तरंग, काव्य-रसायन, पावस-विलास, प्रेम-दीपिका, नीति-शतक, प्रेम-दर्शन आदि।