देवनाथ महाराज के अशआर
कामिनी काम की कठन पड़त है गहिरी अँधेरी रात
जल अँजुली जल पाय पले पल तब तनू सुहाग
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टैग : अँधेरा
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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere