एजाज़ वारसी के अशआर
ये आरज़ू है कि मे’राज-ए-ज़िंदगी हो जाए
ग़ुलाम की दर-ए-आक़ा पे हाज़िरी हो जाए
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टैग : आरज़ू
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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere