Font by Mehr Nastaliq Web
Sufinama
Ghausi Shah's Photo'

ग़ौसी शाह

1893 - 1954 | हैदराबाद, भारत

‘’ख़ुद का पर्दा है तो ख़ुद ख़ुद को ज़रा देख तो ले' के लिए मशहूर

‘’ख़ुद का पर्दा है तो ख़ुद ख़ुद को ज़रा देख तो ले' के लिए मशहूर

ग़ौसी शाह के वीडियो

This video is playing from YouTube

वीडियो का सेक्शन
अन्य वीडियो
आँख लड़ने का बहाना हो गया

आँख लड़ने का बहाना हो गया अज्ञात

आज वो साक़ी हैं मैं मय-ख़्वार हूँ

आज वो साक़ी हैं मैं मय-ख़्वार हूँ अज्ञात

इक दम कोई गर देखे वो जल्वा-ए-जानाना

इक दम कोई गर देखे वो जल्वा-ए-जानाना अज्ञात

का'बे में भी है गर्मि-ए-बाज़ार-ए-मोहम्मद

का'बे में भी है गर्मि-ए-बाज़ार-ए-मोहम्मद अज्ञात

किस तर्ह से पुकारे तुम्हें क्या कहा करे

किस तर्ह से पुकारे तुम्हें क्या कहा करे अज्ञात

जहान सब हम ने छान मारा हसीन-ए-यकता तुम्हीं को देखा

जहान सब हम ने छान मारा हसीन-ए-यकता तुम्हीं को देखा अज्ञात

दिखा के उस ने जमाल अपना क़रार सब मेरा ले लिया है

दिखा के उस ने जमाल अपना क़रार सब मेरा ले लिया है अज्ञात

मैं आई सहेली 'अदम के नगर से

मैं आई सहेली 'अदम के नगर से अज्ञात

मैं ख़ुद को ढूँढता हूँ वो हाथ आ रहे हैं

मैं ख़ुद को ढूँढता हूँ वो हाथ आ रहे हैं अज्ञात

मैं दंग हूँ अपने में हैरत उसे कहते हैं

मैं दंग हूँ अपने में हैरत उसे कहते हैं अज्ञात

मोहम्मद पे दिल क्या मिरा आ गया

मोहम्मद पे दिल क्या मिरा आ गया अज्ञात

यार अपनी शक्ल में है हम हैं शक्ल-ए-यार में

यार अपनी शक्ल में है हम हैं शक्ल-ए-यार में अज्ञात

ला-मकाँ छुप न सका यार तुम्हारा हम से

ला-मकाँ छुप न सका यार तुम्हारा हम से अज्ञात

वो कहते हैं मैं अब तो हो गया हूँ

वो कहते हैं मैं अब तो हो गया हूँ अज्ञात

आँख ऐसी लड़ा गया कोई

आँख ऐसी लड़ा गया कोई मुहम्मद अ'ज़ीज़ ख़ान

आँख ऐसी लड़ा गया कोई

आँख ऐसी लड़ा गया कोई सरफ़राज़ कमाली

आँख ऐसी लड़ा गया कोई

आँख ऐसी लड़ा गया कोई सरफ़राज़ कमाली

आज वो साक़ी हैं मैं मय-ख़्वार हूँ

आज वो साक़ी हैं मैं मय-ख़्वार हूँ

ख़ुद का पर्दा है तू ख़ुद ख़ुद को ज़रा देख तो ले

ख़ुद का पर्दा है तू ख़ुद ख़ुद को ज़रा देख तो ले कमाल क़व्वाल

ख़ुद का पर्दा है तू ख़ुद ख़ुद को ज़रा देख तो ले

ख़ुद का पर्दा है तू ख़ुद ख़ुद को ज़रा देख तो ले मुहम्मद अ'ज़ीज़ ख़ान

ख़ुद का पर्दा है तू ख़ुद ख़ुद को ज़रा देख तो ले

ख़ुद का पर्दा है तू ख़ुद ख़ुद को ज़रा देख तो ले

तुम को ऐ प्यारे नबी अहमद-ए-मुख़्तार सलाम

तुम को ऐ प्यारे नबी अहमद-ए-मुख़्तार सलाम

तुम को ऐ प्यारे नबी अहमद-ए-मुख़्तार सलाम

तुम को ऐ प्यारे नबी अहमद-ए-मुख़्तार सलाम

तुम को ऐ प्यारे नबी अहमद-ए-मुख़्तार सलाम

तुम को ऐ प्यारे नबी अहमद-ए-मुख़्तार सलाम

तुम को ऐ प्यारे नबी अहमद-ए-मुख़्तार सलाम

तुम को ऐ प्यारे नबी अहमद-ए-मुख़्तार सलाम

तुम को ऐ प्यारे नबी अहमद-ए-मुख़्तार सलाम

तुम को ऐ प्यारे नबी अहमद-ए-मुख़्तार सलाम

मुबारक रहमत-ए-’आलम के हम दरबार में आए

मुबारक रहमत-ए-’आलम के हम दरबार में आए

हक़ीक़ी अ'ली का नज़ारा अ'ली हैं

हक़ीक़ी अ'ली का नज़ारा अ'ली हैं

हक़ीक़ी अ'ली का नज़ारा अ'ली हैं

हक़ीक़ी अ'ली का नज़ारा अ'ली हैं

हक़ीक़ी अ'ली का नज़ारा अ'ली हैं

हक़ीक़ी अ'ली का नज़ारा अ'ली हैं सरफ़राज़ कमाली

अन्य वीडियो

Recitation

Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi

Get Tickets
बोलिए