हकीम मीर यासीन अली के अशआर
हुआ आईना से इज़हार उन का रू-ए-ज़ेबा है
बना मुम्किन है वाजिब से जो शनवा है वो गोया है
-
टैग : आईना
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere