हामिद का परिचय
गुजरात के अंजार (कच्छ) के रहने वाले थे। इनका समय इनकी रचनाओं से 12वीं हिजरी शती के अन्त में प्रतीत होता है। इनकी लिखी चार मसनवियाँ मिलती हैं- (1) क़िस्सा-ए-नाज़नीन पठान, (2) क़िस्सा-ए-बैरूल अलम, (3) क़िस्सा-ए-मुसाफ़िर और (4) मोजज़ा-ए-रसूल-ए-मक़बूल।
हामिद की मसनवियों में गूजरी के साथ-साथ उनके समय की गुजराती का भी प्रयोग मिलता है। मसनवी के संवादों में गूजरी-गुजराती के संवाद बड़े रोचक है।