महात्मा मनोहरदास जी का परिचय
ये 17वीं शती के उत्तरार्द्ध काल के निरंजनी संत हैं। इनका रचनाकाल 18वीं शती का पूर्वार्द्ध है। इनकी रचनाओं में प्रमुख हैं- (1) षट प्रश्नोत्तरी, (2) शत प्रश्नोत्तरी, (3) वेदान्त परिभाषा, (4) ज्ञानचूर्ण वचनिका और (5) सप्त भूमिका।