मतिराम का परिचय
गृहस्थ का जैसा चित्रण मतिराम ने किया है वैसा रीतिकाल के किसी दरबारी कवि में नहीं मिलता। यह औरंगजेब और बूंदी नरेश भावसिंह के दरबारी कवि थे। ओरछा नरेश स्वरूप सिंह और कुमायूँ नरेश उद्योत चंद्र के पुत्र ज्ञानचंद्र के आश्रित थे। इनका कार्यक्षेत्र तिकवाँपुर (कानपुर) था और भाषा ब्रज थी। प्रमुख रचनाएँ है- अलंकार पंचाशिका, छंदसार पिंगल, बरवै नायिका भेद, मतिराम सतसई, रसराज, ललिता ललाभ और साहित्यसार।