Sufinama
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पीर नसीरुद्दीन नसीर

1949 - 2009 | ग़ोल्डा शरिफ़, पाकिस्तान

पीर नसीरुद्दीन नसीर के वीडियो

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पीर नसीरुद्दीन नसीर

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शायर अपना कलाम पढ़ते हुए
उठे न थे अभी हम हाल-ए-दिल सुनाने को

पीर नसीरुद्दीन नसीर

क़ुदरत ने आज अपने जल्वे दिखा दिए हैं

पीर नसीरुद्दीन नसीर

कौन हो मसनद-नशीं ख़ाक-ए-मदीना छोड़ कर

पीर नसीरुद्दीन नसीर

जिसे तेरी ज़ुल्फ़ों के ख़म याद आए

पीर नसीरुद्दीन नसीर

तड़प उठता है दिल लफ़्ज़ों में दोहराई नहीं जाती

पीर नसीरुद्दीन नसीर

फ़ानी है ये अर्बाब-ए-तरब की कुर्सी

पीर नसीरुद्दीन नसीर

बस यही सोच के पहरों न रहा होश मुझे

पीर नसीरुद्दीन नसीर

मुझ पे भी चश्म-ए-करम ऐ मिरे आक़ा करना

पीर नसीरुद्दीन नसीर

वो जिस के नाम पे नब्ज़-ए-हयात चलती है

पीर नसीरुद्दीन नसीर

हक़ीक़त और ही कुछ है मगर हम क्या समझते हैं

पीर नसीरुद्दीन नसीर

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अगर फुर्क़त के सदमे कम न होंगे

अगर फुर्क़त के सदमे कम न होंगे नुसरत फ़तेह अली ख़ान

अब तंगी-ए-दामाँ पे न जा और भी कुछ माँग

अब तंगी-ए-दामाँ पे न जा और भी कुछ माँग अज्ञात

आज मिल कर भी उन से न कुछ बात की

आज मिल कर भी उन से न कुछ बात की नुसरत फ़तेह अली ख़ान

आप इस तरह तो होश उड़ाया न कीजिए

आप इस तरह तो होश उड़ाया न कीजिए नुसरत फ़तेह अली ख़ान

इक क़ियामत बन गई है आश्नाई आप की

इक क़ियामत बन गई है आश्नाई आप की अज्ञात

इक मैं ही नहीं उन पर क़ुर्बान ज़माना है

इक मैं ही नहीं उन पर क़ुर्बान ज़माना है ओवैद रज़ा क़ादरी

उन के अंदाज़-ए-करम उन पे वो आना दिल का

उन के अंदाज़-ए-करम उन पे वो आना दिल का नुसरत फ़तेह अली ख़ान

कभी उन का नाम लेना कभी उन की बात करना

कभी उन का नाम लेना कभी उन की बात करना राहिल फ़ारूक़

कभी उन का नाम लेना कभी उन की बात करना

कभी उन का नाम लेना कभी उन की बात करना अज्ञात

किस से माँगें कहाँ जाएँ किस से कहें और दुनिया में हाजत-रवा कौन है

किस से माँगें कहाँ जाएँ किस से कहें और दुनिया में हाजत-रवा कौन है रफ़ाक़त अली ख़ान

किसी को हिज्र तड़पाए तुम्हें क्या

किसी को हिज्र तड़पाए तुम्हें क्या अज्ञात

कोई दुनिया-ए-'अता में नहीं हमता तेरा

कोई दुनिया-ए-'अता में नहीं हमता तेरा सरवर हुसैन नक़्शबंदिया

चार तिनकों का सहारा कुछ नहीं

चार तिनकों का सहारा कुछ नहीं नुसरत फ़तेह अली ख़ान

ज़ुल्म हम पर हर-आन होते हैं

ज़ुल्म हम पर हर-आन होते हैं अज्ञात

जिस तरफ़ से गुलशन-ए-’अदनान गया

जिस तरफ़ से गुलशन-ए-’अदनान गया अज्ञात

जो कफ़न बाँध के सर से गुज़रे

जो कफ़न बाँध के सर से गुज़रे अज्ञात

तड़प उठता है दिल लफ़्ज़ों में दोहराई नहीं जाती

तड़प उठता है दिल लफ़्ज़ों में दोहराई नहीं जाती सय्यद ज़बीब मास'उद

थी जिस के मुक़द्दर में गदाई तिरे दर की

थी जिस के मुक़द्दर में गदाई तिरे दर की नुसरत फ़तेह अली ख़ान

दीन से दूर न मज़हब से अलग बैठा हूँ

दीन से दूर न मज़हब से अलग बैठा हूँ अज्ञात

निकल गए हैं ख़िरद की हदों से दीवाने

निकल गए हैं ख़िरद की हदों से दीवाने अज्ञात

बन के तस्वीर-ए-ग़म रह गए हैं

बन के तस्वीर-ए-ग़म रह गए हैं नुसरत फ़तेह अली ख़ान

बहुत कुछ हम ने देखा देखने को

बहुत कुछ हम ने देखा देखने को जुनैद नसीर्वी

मंज़र फ़ज़ा-ए-दहर में सारा 'अली का है

मंज़र फ़ज़ा-ए-दहर में सारा 'अली का है स्येद फ़सीहुद्दिन सुहरावर्दी

मय-कदे का निज़ाम तुम से है

मय-कदे का निज़ाम तुम से है अज्ञात

मिरी ज़िंदगी तो फ़िराक़ है वो अज़ल से दिल में मकीं सही

मिरी ज़िंदगी तो फ़िराक़ है वो अज़ल से दिल में मकीं सही ज़ीशान हैदर

मिरी ज़ीस्त पुर-मसर्रत कभी थी न है न होगी

मिरी ज़ीस्त पुर-मसर्रत कभी थी न है न होगी नुसरत फ़तेह अली ख़ान

रोज़-ए-अज़ल ख़ालिक़ ने जारी पहला ये फ़रमान किया

रोज़-ए-अज़ल ख़ालिक़ ने जारी पहला ये फ़रमान किया नुसरत फ़तेह अली ख़ान

लौ मदीने की तजल्ली से लगाए हुए हैं

लौ मदीने की तजल्ली से लगाए हुए हैं अज्ञात

शाहान-ए-जहाँ किस लिए शरमाए हुए हैं

शाहान-ए-जहाँ किस लिए शरमाए हुए हैं सय्यद ज़बीब मास'उद

सुने कौन क़िस्सा-ए-दर्द-ए-दिल मेरा ग़म-गुसार चला गया

सुने कौन क़िस्सा-ए-दर्द-ए-दिल मेरा ग़म-गुसार चला गया अज्ञात

सरताजन के ताज मु’ईनउद्दीन

सरताजन के ताज मु’ईनउद्दीन नुसरत फ़तेह अली ख़ान

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