प्राणनाथ जी का परिचय
मूल नाम : प्राणनाथ जी
संत प्राणनाथ ने अपने समय में प्रचलित सभी धर्मों की मौलिक एकता पर बल दिया था। इनका जन्म संवत् 1675 में काठियावाड़ प्रदेश के जामनगर में हुआ था। इन्होंने बचपन में ही अपने जन्म स्थान का त्याग कर दिया और सफर पर निकल पड़े। इनके गुरु देवचंद थे जो सिंध के मूल निवासी थे। इन्होंने अपना 'प्रणामी' या 'धामी' संप्रदाय प्रवर्तित किया था। इनका देहांत संवत् 1751 में हुआ। इनकी प्रमुख रचनाएँ है- (1) कयामत नामा, (2) राम ग्रंथ, (3) प्रकाश ग्रंथ, (4) षट ऋतु कलश, (5) संबंध, (6) किरतन, (7) खुलासा, (8) खेल-बात, (9) प्रकरण इलाही-दुलहन, (10) सागर सिंगार, (11) बड़े सिंगार, (12) मारिफत सागर और (13) कलजमे शरीफ।