रूपदास जी का परिचय
रूपदास जी, हरिदास जी की आठवीं पीढ़ि के संत है। इनकी परंपरा का स्थान बालोतरे में है। इनकी रचना वाणी के रूप में प्राप्त है। सन्त जानकीदास जी, जिन्होंने हरिदास जी महाराज का जीवन चरित्र लिखा है, इन्हीं की परंपरा में हैं। इनका रचनाकाल 18वीं शती का उत्तरार्द्ध एवं उन्नसवीं शती का पूर्वार्द्ध हैं।