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सईद वारसी

सय्यद सत्तार शाह वारसी के साहिब-ज़ादे

सय्यद सत्तार शाह वारसी के साहिब-ज़ादे

सईद वारसी के अशआर

क्या हुआ चाक गर बादबाँ हो गए और हालात ना-मेहरबाँ हो गए

तेरी चश्म-ए-करम जब हो साया-फ़िगन दूर कश्ती से अपनी किनारा नहीं

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

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