आदर्श और नैतिकता इनकी कविता की जान है। ये नैतिकता एवं आदर्श के मंच पर खड़ी सारे संसार को उपदेश देती प्रतीत होती है। इनका उपदेश समस्त मानव जाति के लिए है। साई प्रसिद्ध कवि गिरिधरराय की बीवी थी। इन्होंने ज्यादातर कुण्डलियाँ लिखी हैं। कहीं कहीं अपनी रचनाओं में उर्दू और फारसी शब्दों का भी प्रयोग किया है।