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शाह फ़ज़्ल-ए-रहमान गंज मोरादाबादी

उन्नाव, भारत

शाह फ़ज़्ल-ए-रहमान गंज मोरादाबादी के सूफ़ी उद्धरण

किसी सच्चे निस्बत वाले पीर से मुरीद होना नजात का कारण बनता है। क़यामत के दिन जब उस पीर पर ख़ुदा की इनायत होगी, तो उसकी रूहानी रोशनी का असर उसके मुरीदों तक भी पहुँचेगा और वे सभी उसके साथ जन्नत में प्रवेश करेंगे।

आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त करना और कोई ऊँचा दर्जा हासिल करना आसान हो सकता है लेकिन किसी सच्चे पीर से गहरी निस्बत बनाना और निभाना सबसे कठिन है।

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

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