शाह महमूदुल हसन के अशआर
तुम्हारे हुस्न के आईना-दार हो के रहे
नज़र में फूल सरापा बहार हो के रहे
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टैग : आईना
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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere