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शाह वजीहुद्दीन अल्वी

1490 - 1580 | अहमदाबाद, भारत

शाह वजीहुद्दीन अल्वी के सूफ़ी उद्धरण

अगर भरोसा और सब्र हो, तो दिल की उलझन दूर नहीं होती और दिल की उलझन दूर हुए बिना चैन-सुकून नहीं मिल सकता।

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

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