शाह वजीहुद्दीन अल्वी के सूफ़ी उद्धरण

अगर भरोसा और सब्र न हो, तो दिल की उलझन दूर नहीं होती और दिल की उलझन दूर हुए बिना चैन-सुकून नहीं मिल सकता।
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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere