शैख़ मोहम्मद साहि का परिचय
16वीं शताब्दी के सूफी कवि। ये बादशाह अकबर के काल में थे और सम्राट के विश्वास पात्रों में से एक थे। उनके पिता का नाम शेख़ मारूफ था और वह बिलग्राम जिले के हरदोई के फ़रमली शेख़ों के सिलसिले में जुड़े थे। मीर आज़ाद के सर्वे आज़ाद के अनुसार ये हिंदी काव्य रचना में सिद्धहस्त थे और अपने युग के श्रेष्ठ कवियों में गिने जाते थे। ये 'साहि' उपनाम से लिखते थे। इनका एक ग्रंथ 'श्रृंगार शतक' मिलता है। इनका रचनाकाल सन् 1530 ई. से 1540 ई. के आस पास था।