सूफ़ी तबस्सुम के अशआर
चरके वो दिए दिल को महरूमी-ए-क़िस्मत ने
अब हिज्र भी तन्हाई और वस्ल भी तन्हाई
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टैग : क़िस्मत
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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere