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स्वामी आत्माराम जी

स्वामी आत्माराम जी का परिचय

विद्वान और सुशिक्षित संत। जोधपुर के महाराज विजयसिंह की उन पर अगाध श्रद्धा थी। उन्होंने जोधपुर के नागौर आदि किलों में इनकी छतरियाँ बनवायी थी। इनका देहांत संवत् 1815/16 में हुआ था। इनकी रचना भण्डारी जयरामदास जी डीडवाणे की एक प्रति में उपलब्ध है। कुण्डलियों में ही कहीं-कहीं साखियाँ भी आयी हैं। इनकी रचनाओं में मारवाड़ी भाषा के शब्दों का बड़ा प्रयोग हुआ है। इनका रचनाकाल 18वीं शताब्दी का उत्तरार्द्ध है।

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