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तुरसीदास

तुरसीदास का परिचय

तुरसीदास जी, हरिदास जी के समसामयिक है। राधोदास जी के भक्तमाल में जिन निरंजनी संतों का उल्लेख किया है उनमें तुरसीदास जी भी हैं। ये शेरपुर में रहते थे। भाऊदास जी की रचना 'गुदड़ी' में उन्होंने जगजीवन जी, श्यामदास जी, तुरसीदास जी आदि को महाराज हरिदास जी का शिष्य बताया है।

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