उमैर हुसामी के सूफ़ी लेख
सूफ़ी क़व्वाली में गागर
बर्र-ए-सग़ीर हिंद-ओ-पाक की ख़ानक़ाहों में उ’र्स के मौक़ा’ से एक रिवायत गागर की उ’मूमन देखने में आती है,जिसमें होता ये है कि मिट्टी के छोटे छोटे घड़ों में जिन को उ’र्फ़-ए-आ’म में ’गागर’ के नाम से जाना जाता है उसमें पानी या शर्बत वग़ैरा भर कर और ऊपर सुर्ख़