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सूफ़ी लेख
सूरदास का वात्सल्य-निरूपण, डॉ. जितेन्द्रनाथ पाठक
सूर परम्परा के जीवंत तत्वों से सशक्त रूप में सम्बद्ध थे। न केवल भागवत की विषय
सूरदास : विविध संदर्भों में
सूफ़ी लेख
रैदास और सहजोबाई की बानी में उपलब्ध रूढ़ियाँ- श्री रमेश चन्द्र दुबे- Ank-2, 1956
(2) पिंड परे जिव जिस घर जाता। सबद अतीत अनाहद राता।।
भारतीय साहित्य पत्रिका
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क़िस्सा काव्य
हीर वारिस शाह
313. कुड़ियां'रसम जग दी करो अतीत साईं', साडियां सूरतां वल ध्यान कीचै ।
वारिस शाह
राग आधारित पद
राग भैरव चौताल - आ गुनी सोध सप्त स्वर तीन ग्राम
अतीत अनाघात सम विषम लेस'तानसेन' तब गुनी कहावै बरेस
तानसेन
पद
भ्रांति तथा परमतत्व - माधो भरम कैसेहु न बिलाइ ताते द्वैत दरसै आई
सदा अतीत ज्ञानघन बर्जित निरबिकार अविनासीकह 'रैदास' सहज सुन्न सत जीवन मुक्त निधि कासी
रैदास
नज़्म
जोगी-नामः
पंथ की पूछे तो जोगी न जन्म के न अतीतइशक के मेल में हम पेम का रखते हैं बरन
नज़ीर अकबराबादी
सूफ़ी लेख
कविवर रहीम-संबंधी कतिपय किवदंतियाँ - याज्ञिकत्रय
(4)एक सिद्ध मुख में गोली ले आकास (मार्ग से) जाते हुते। सो (सिद्ध) ख़ानख़ाना के बाग़
माधुरी पत्रिका
सूफ़ी लेख
कविवर रहीम-संबंधी कतिपय किंवदंतियाँ- याज्ञिकत्रय
(4)एक सिद्ध मुख में गोली ले आकास (मार्ग से) जाते हुते। सो (सिद्ध) ख़ानख़ाना के बाग़
माधुरी पत्रिका
सूफ़ी लेख
संत साहित्य - श्री परशुराम चतुर्वेदी
कबीर की उपरोक्त रचनाओं को ध्यान पूर्वक पढ़ने एवं मनन करने से विदित होता है कि
हिंदुस्तानी पत्रिका
सूफ़ी लेख
संत साहित्य
कबीर की उपरोक्त रचनाओं को ध्यान पूर्वक पढ़ने एवं मनन करने से विदित होता है कि