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ना'त-ओ-मनक़बत
आज ज़ोरों पे है ये दर्द-ए-जिगर क्या बाइ'सली न सरकार-ए-दो-’आलम ने ख़बर क्या बाइ'स
ग़ौसी शाह
ग़ज़ल
मैं किस से कहौं ऐ दिल बस तुझ को पिया चाहेसब कुछ मैं करूँ अर्पण जो मुझ को पिया चाहे
अब्दुल हादी काविश
फ़ारसी कलाम
ख़ुदा रा ऐ सबा ब-गुज़र ब-सू-ए-ख़ाकसार-ए-मनब-बर दर कू-ए-आँ जानान: ईं मुश्त-ए-ग़ुबार-ए-मन
शाह नियाज़ अहमद बरेलवी
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फ़ारसी कलाम
ऐ सर्व-ए-नाज़नीने ऐ तुर्क-ए-बे-नियाज़ेशोरे ज़दी ब-'आलम अज़ क़ामत-ए-दराज़े
पीर नसीरुद्दीन नसीर
फ़ारसी सूफ़ी काव्य
रूमी
फ़ारसी सूफ़ी काव्य
ऐ जान-ए-मा ऐ जान-ए-मा ऐ कुफ़्र-ओ-ईमान-ए-माख़्वाहम कि ईं ख़र-मोहरः रा गौहर कुनी दर कान-ए-मा
रूमी
फ़ारसी सूफ़ी काव्य
ऐ 'आशिक़ाँ ऐ 'आशिक़ाँ मन 'आशिक़-ए-फ़रज़ानः-अमबा-शम'-ए-वसलश दर जहाँ परवान:-अम परवान:-अम
रूमी
ग़ज़ल
ऐ 'अक्स-ए-जमाल-ए-लम-यज़ली ऐ शम-ए'-तजल्ला क्या कहनाऐ नूर-ए-हिजाबात-ए-फ़ितरत ऐ हुस्न-ए-सरापा क्या कहना
मंज़ूर आरफ़ी
फ़ारसी कलाम
ऐ अमीर-ए-कारवाँ ऐ शाह-ए-ख़ूबाँ बुल-'उलायक निगाह-ए-लुत्फ़ कुन सू-ए-ग़रीबाँ बुल-'उला
शमीम गौहर
फ़ारसी सूफ़ी काव्य
ऐ बाग़बाँ ऐ बाग़बाँ आमद ख़िज़ाँ आमद ख़िज़ाँबर शाख़-ओ-बर्ग अज़ दर्द-ए-दिल ब-निगर निशाँ ब-निगर निशाँ