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सूफ़ी लेख
Sheikh Naseeruddin Chiragh-e-Dehli
ग़यासपुर स्थित हज़रत निज़ामुद्दीन औलिया की ख़ानक़ाह-गर्मियों का मौसम था और दिल्ली गर्म तवे की तरह
सुमन मिश्रा
सूफ़ी लेख
समाअ और क़व्वाली का सफ़रनामा
अफज़ल-उल-फवाइद मे भी समाअ का उल्लेख आता है । एक मजलिस का ज़िक्र करते हुये हज़रत
सुमन मिश्रा
सूफ़ी लेख
समाअ और क़व्वाली का सफ़रनामा
अफज़ल-उल-फवाइद मे भी समाअ का उल्लेख आता है । एक मजलिस का ज़िक्र करते हुये हज़रत
सुमन मिश्रा
सूफ़ी लेख
समर्थ गुरु रामदास- लक्ष्मीधर वाजपेयी
प्रातःकाल उठकर गोदावरी स्नान करने जाते, और वहाँ दोपहर तक कटिपर्यन्त जल में खड़े होकर जप
माधुरी पत्रिका
सूफ़ी लेख
हिन्दुस्तान में क़ौमी यक-जेहती की रिवायात-आ’ली- बिशम्भर नाथ पाण्डेय
औरंगज़ेब ने उन मंदिरों को जागीर अ’ता करते हुए ये हिदायत दी थी कि ठाकुर जी
मुनादी
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चिश्तिया सिलसिला की ता’लीम और उसकी तर्वीज-ओ-इशाअ’त में हज़रत गेसू दराज़ का हिस्सा
हर गुले कज़ बाग़–ए-उ’म्रश बशगफ़द बे-ख़ार बादजो शख़्स काँटे बिछाने वाले को दुआ’ दे कि उस
ख़लीक़ अहमद निज़ामी
सूफ़ी लेख
याद रखना फ़साना हैं ये लोग - डॉक्टर ज़ाकिर हुसैन ख़ाँ
बहादुर शाह के ज़िक्र में राशिदुल-ख़ैरी ने उस तक़रीब का समाँ इन अल्फ़ाज़ में बाँधा है।“उधर
मुनादी
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बेदम शाह वारसी और उनका कलाम
बेदम शाह साहब ने नौकरी पाने हेतु हाई स्कूल की परीक्षा भी दी थी परन्तु परिणाम
सुमन मिश्रा
सूफ़ी लेख
हज़रत शैख़ जमालुद्दीन कोल्हवी
नानों दो घंटा से कम में पहुंच गए क्योंकि गाड़ी में घोड़े चालाक जुते हुए थे।
निज़ाम उल मशायख़
सूफ़ी लेख
जौनपुर की सूफ़ी परंपरा
शर्क़ी शासन जौनपुर का स्वर्ण युग था. विद्यापति ने कीर्तिलता में इब्राहीम शाह शर्क़ी और जौनपुर