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सूफ़ी लेख
आगरा में ख़ानदान-ए-क़ादरिया के अ’ज़ीम सूफ़ी बुज़ुर्ग
गुल-ए-हुब्ब-ए-हुसैन-ओ-हम हसन दारद दिल-ए-पुर-ख़ूंबिया असग़र तमाशा कुन बहार-ए-सहन-ए-बाग़म रा
फ़ैज़ अली शाह
सूफ़ी लेख
सन्तों की प्रेम-साधना- डा. त्रिलोकी नारायण दीक्षित, एम. ए., एल-एल. बी., पीएच. डी.
सम्मेलन पत्रिका
सूफ़ी लेख
कवि वृन्द के वंशजों की हिन्दी सेवा- मुनि कान्तिसागर - Ank-3, 1956
कविवर बल्लभ ने ग्रंथ के अतिरिक्त बहुत से प्रासंगिक कवित्त भी लिखे थे जिनका एक संग्रह
भारतीय साहित्य पत्रिका
सूफ़ी लेख
दारा शिकोह और बाबा लाल बैरागी की वार्ता
13-दारा शुकोह – हिन्दु विचार के अनुसार ब्रजभूमि (वृन्दावन) में ही श्री कृष्ण अपने निज रूप
सुमन मिश्र
सूफ़ी लेख
हज़रत सय्यिद मेहर अ’ली शाह - डॉक्टर सय्यिद नसीम बुख़ारी
पीर मेहर अ’ली शाह ने मौलाना मोहम्मद शफ़ी’ क़ुरैशी साहिब की दर्स-गाह से मंतिक़-ओ-नह्व की ता’लीम
मुनादी
सूफ़ी लेख
हिन्दुस्तान में क़ौमी यक-जेहती की रिवायात-आ’ली- बिशम्भर नाथ पाण्डेय
इन सूफ़ी संतों के उपदेश का अ’वाम के ऊपर गहरा असर पड़ा।एक फ़क़ीर बटाले में रहते
मुनादी
सूफ़ी लेख
सय्यद शाह शैख़ अ’ली साँगड़े सुल्तान-ओ-मुश्किल-आसाँ - मोहम्मद अहमद मुहीउद्दीन सई’द सरवरी
आपकी मज़ार का गुंबद दरगाह शरीफ़,क़स्बा-ए-क़ंधार की आबादी के जानिब मग़रिब तालाब के किनारे निहायत ही
सूफ़ीनामा आर्काइव
सूफ़ी लेख
जौनपुर की सूफ़ी परंपरा
मख़दूम शैख़ मुहम्मदआप फ़ारुक़ी शैख़ थे . आप के पिता मख़दूम शैख़ रुकनुद्दीन सुहरवर्दी के ख़लीफ़ा
सुमन मिश्र
सूफ़ी लेख
सूर के भ्रमर-गीत की दार्शनिक पृष्ठभूमि, डॉक्टर आदर्श सक्सेना
अविनासी बिनसै नहीं, सहज ज्योति परकाश।।प्रिय के संदेश के स्थान पर नीरस ज्ञान! गोपियाँ बिगड़ गई।
सूरदास : विविध संदर्भों में
सूफ़ी लेख
ख़्वाजा मुई’नुद्दीन चिश्ती की दरगाह
अकबर ने सहन-ए-दरगाह में हश्त-पहल चराग़-दानों की छतरी भी बनवाई थी जो अब तक मौजूद है।दरगाह
निसार अहमद फ़ारूक़ी
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बाबा फ़रीद शकर गंज
हर ज़ाइर के लिए ज़रूरी है कि शहर में दाख़िल होने से क़ब्ल उस तंग खाई
निज़ाम उल मशायख़
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तज़्किरा जानी बाबू क़व्वाल
जानी एक ज़हीन और रौशन ख़याल फ़नकार हैं।उन्होंने क़व्वालों की आम रविश से हट कर आला
अकमल हैदराबादी
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मीरां के जोगी या जोगिया का मर्म- शंभुसिंह मनोहर
जब पूर्व भव में दक्षकन्या सती अपने गर्वोन्मत्त पिता द्वारा अपने पति (सदाशिव) का अपमान सहन