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आग़ोश पर अशआर

आग़ोश/कनार: आग़ोश अस्लन

फ़ारसी ज़बान का लफ़्ज़ है। ब-तौर-ए-इस्म-ए-जामिद इस्ति’माल होता है।उर्दू ज़बान में भी अस्ली हालत और मा’नी के साथ मुस्ता’मल है। सबसे पहले आबरू के “क़लमी नुस्ख़ा” में इसका इस्ति’माल मिलता है। तसव्वुफ़ में आग़ोश या कनार इंतिहा-ए-क़ुर्ब का इशारा है।आग़ोश में लेने का मतलब ये होता है कि आग़ोश में ली जाने वाली हस्ती इहाता में होती है। इसलिए इहाता-ए-वजूद को आग़ोश कहते हैं। इसी मा’नी में ये शे’र हैः उ’म्र बायद कि यार आयद ब-किनार ईं दौलत-ए-सरमद हमः कस रा न-देहंद (तर्जुमा:महबूब आग़ोश में आए इसके लिए ज़माना चाहिए,ये दौलत-ए-सर्मदी हर शख़्स को नहीं दी जाती)

मेरी पहली परवरिश तक़्दीस की आग़ोश में

क़ुदसियों के सर भी 'कामिल' मेरे आगे ख़म रहे

कामिल शत्तारी

नींद कर उचट जाती है तेरी याद में

तार-ए-बिस्तर नश्तर-ए-आग़ोश है तेरे बग़ैर

सीमाब अकबराबादी

मैं ग़श में हूँ मुझे इतना नहीं होश

तसव्वुर है तिरा या तू हम-आग़ोश

बेदम शाह वारसी

हैं सदक़े किसे आज प्यार गया

ये कौन गया मेरे आग़ोश में

रियाज़ ख़ैराबादी

कभी 'आसी' से हम-आग़ोश देखा तुझ को

असर-ए-जज़्बः-ए-दिल-ए-अहल-ए-मोहब्बत भी नहीं

आसी गाज़ीपुरी

यूँ हुई रूह को महसूस मोहब्बत उस की

जैसे आग़ोश में दरिया के समुंदर उतरा

मुज़फ़्फ़र वारसी

मुझ को तन्हा देखने वाले समझें राज़-ए-इश्क़

मेरी तन्हाई के लम्हे यार के आग़ोश हैं

फ़ना बुलंदशहरी

होश की बातें वही करता है अक्सर होश में

ख़ुद भी जो महबूब हो महबूब की आग़ोश में

अज़ीज़ वारसी देहलवी

कहीं नाकाम रह जाये ज़ौक़-ए-जुस्तुजू अपना

अदम से भी ख़याल-ए-यार-ए-हम-आग़ोश हो जाना

अफ़क़र मोहानी

आप की तस्वीर हर-दम दिल से हम-आग़ोश है

या'नी वो बेहोश हूँ क़ुर्बान जिस पर होश है

हैरत शाह वारसी

रात-दिन अंगड़ाइयाँ वो लें मेरी आग़ोश में

जिन हसीनों के लिए पैदा ये अंगड़ाई हुई

रियाज़ ख़ैराबादी

सूरत-ए-हस्ती में फिर देखेंगे शक्ल-ए-रफ़्तगाँ

अब तलक आईना हम-आग़ोश-ए-ख़ाकिस्तर रहा

शाह नसीर

किस तर्ह पहलू में रक़ीबों को जगह दे

आग़ोश में हर संग के होता है शरर भी

अ‍र्श गयावी

दीजिए उन को कनार-ए-आरज़ू पर इख़्तियार

जब वो हों आग़ोश में बे-दस्त-ओ-पा हो जाइये

सीमाब अकबराबादी

होगा हमारा ही आग़ोश ख़ाली

कुछ अपना भी पहलू तही पाइएगा

जिगर मुरादाबादी

दुनिया-ए-हवस में ज़िंदगानी गुज़री

आग़ोश-ए-बहार में जवानी गुज़री

ज़ब्त सीतापुरी

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