एकनाथ का परिचय
उपनाम : 'एकनाथ'
इनके दादा मानुदास का नाम मराठी के प्रसिद्ध कवियों में शुमार होता है। इन्होंने मराठी में रामायण, भागवत आदि बहुत से ग्रंथ लिखे। इनके रचे गीत, जनमानस में बड़े लोकप्रिय हुए। इनकी मृत्यु 1599 ई. में बतायी जाती है। कहते हैं कि जिस साल एकनाथ जी ने वाराणसी में अपने भागवत को समाप्त किया उसी साल गोस्वामी तुलसीदास ने रामचरितमानस की शुरुआत की थी। उत्तर में रहने के कारण इनकी प्रवृत्ति हिंदी की ओर भी हुई थी। इनके कुछ हिंदी पद मिलते हैं।