निर्गुण मतालम्बी। अहमद नगर के निवासी थे और बाद में पैठण में बस गये। वहीं एकनाथ मंदिर में भक्ति साधना में प्रवृत्त हुए। इनके बनाये चित्र भी इस मंदिर में उपलब्ध हुए हैं। इनके विषय में कुछ भी ज्ञात नहीं है। ज्ञानमार्गी संत थे। इन्होंने गेय पदों के अलावा चौपाई छंदों का प्रयोग किया है।