अकबर के दरबारी कवि। रहीम से इनकी बड़ी घनिष्टता थी। कहते हैं कि एक छप्पय पर रहीम ने खुश होकर इन्हें छत्तीस लाख रूपये दिये थे। किसी राजा की आज्ञा पर इन्हें हाथी द्वारा मरवा दिया गया था। नरकाव्य कहने में इन्हें महारत हासिल थी। इनकी कोई पुस्तक अभी तक प्राप्त नहीं है। वीर और श्रृंगार-रस के इनेक कुछ छन्द मिलते हैं।